बीस साल का साथ छूटा, बीस मिनट में दे दी जान
जागरण संवाददाता, कानपुर : साथ जीने मरने की कसम खाई थी, बीस साल तक एक दूसरे के सुख-दुख में भागीदार बन
जागरण संवाददाता, कानपुर : साथ जीने मरने की कसम खाई थी, बीस साल तक एक दूसरे के सुख-दुख में भागीदार बने थे। कच्चे पक्के सारे अनुभव साथ-साथ लिये, साथ सपने देखे, हर कदम साथ-साथ चले। खट्ठी मीठी याद वाले बीस साल के साथी से जब साथ छूटा तो यह दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ और पत्नी ने बीस मिनट में अस्पताल की चार मंजिला छत से कूदकर जान दे दी।
बात हो रही है मूलरूप से लखनऊ के गुड़ियाना निवासी सुरेश कुमार (45) और उनकी पत्नी रानी (40) की। दो बेटियां शिवानी व खुशबू भी है। सुरेश बेनाझाबर में रहते थे और प्लंबर थे।
बुधवार को सुरेश के पेट अचानक दर्द उठा तो परिजनों ने अल्ट्रासाउंड कराया। पता लगा कि लीवर खराब है। डाक्टरों ने जल्द ऑपरेशन करवाने की सलाह दी। परिजनों ने सुरेश को शुक्रवार को कर्नलगंज स्थित वेदांता अस्पताल में भर्ती कराया। शनिवार को सुरेश का ऑपरेशन हुआ और उन्हें आईसीयू में रखा गया। रविवार देर रात डेढ़ बजे अचानक सुरेश की तबीयत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई। उस वक्त सुरेश की पत्नी रानी अपनी मां तारावती के साथ अस्पताल की छत पर बैठी थीं। तारावती पानी लेने नीचे गईं तभी तभी रानी को पति की मौत की खबर दी गई। वह रोने लगीं और मौजूद अन्य परिजन नीचे तीसरी मंजिल पर आइसीयू में आ गए। तभी रानी ने अस्पताल की छत से छलांग लगा दी। सड़क किनारे फुटपाथ पर रानी के गिरते ही हड़कंप मच गया। अस्पताल स्टाफ रानी को उठाकर अंदर लाए लेकिन कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई। मां तारावती का कहना था कि अगर वह पानी लेने नीचे नहीं आती तो बेटी को बचा लेतीं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने महिला के शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजा। पति के शव को परिजन घर ले गए। अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में भी महिला कूदते हुए दिखाई दी है। 20 मिनट में छिन गया मां-बाप का साया
रानी के भाई अंजेश ने बताया कि बहनोई की मौत की खबर सुनते ही बहन बदहवास हो गई थीं। छत पर करीब 20 मिनट तक वह रोती रहीं और फिर नीचे कूद गई। मां-बाप की मौत की सूचना घर पहुंची तो बेटियां शिवानी (18), खुशबू (8) बदहवास सी हो गईं।
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एक साथ उठी दंपती की अर्थी
सोमवार दोपहर सुरेश और उनकी पत्नी रानी के शव घर से एक साथ उठे तो मोहल्ले का हर शख्स रो पड़ा। दोनों बेटियों की परवरिश की चिंता सभी को थी। भैरोघाट पर अंतिम संस्कार हुआ।