पासवर्ड की छोटी सी गलती से हैकर कर सकते कब्जा, मुफ्त का सॉफ्टवेयर खतरनाक
साइबर सिक्योरिटी पर आइआइटी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में इजराइल के प्रोफेसर ने दी जानकारी।
कानपुर, जेएनएन। औद्योगिक इकाइयों और बड़े संस्थानों में साइबर हमलों का खतरा मंडरा रहा है। कर्मचारियों की पासवर्ड की छोटी सी एक गलती से हैकरों की 'पौ बारह' हो सकती है। वे उस कंप्यूटर सिस्टम को हैक कर नेटवर्क तक पहुंच जाते हैं। उसके बाद सर्वर और फिर मशीनों तक पकड़ बनाना आसान होता है। साइबर अपराधी हजारों मील दूर बैठकर मशीनों को न सिर्फ ठप करने में सक्षम हैं बल्कि उनकी डीकोडिंग से हमेशा के लिए खराब कर सकते हैं। ये जानकारी इजराइल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी के प्रो. इरान टच ने दी। वह बुधवार को आइआइटी में साइबर सिक्योरिटी पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि कार्यालयों और संस्थानों में स्टाफ को साइबर सिक्योरिटी की जानकारी नहीं रहती है। वह सरकारी व निजी कार्य में पासवर्ड सही तरह से नहीं बनाते। कई बार दूसरी साइट के पासवर्ड से मिलता जुलता बना लेते हैं। ऐसे में उनको प्रशिक्षित किया जाना जरूरी है।
मुफ्त का सॉफ्टवेयर खतरनाक
सिंगापुर की नेशनल टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के प्रो. शिवम भसीन के मुताबिक मुफ्त का साफ्टवेयर भी कई बार खतरनाक हो सकता है। उसके साथ आया मालवेयर संस्थान के नेटवर्क पर कब्जा कर लेता है। फायरवॉल का इस्तेमाल करके इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।
आकर्षण का केंद्र बना 'पेनाल्टी गेम'
इजराइल से आए साफ्टवेयर इंजीनियरों ने 'पेनाल्टी गेम' का लाइव प्रदर्शन किया। इस प्रोजेक्ट में किसी भी संस्थान में अगर कर्मचारी सही साफ्टवेयर डाउनलोड करते हैं, तो उन्हें प्रोत्साहन दिया जाएगा। गलत डाउनलोड पर वेतन से कटौती होगी।
गांधी नगर में होगी अगली कांफ्रेंस
कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियङ्क्षरग के एचओडी प्रो. संदीप शुक्ला के मुताबिक अगली अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस दिसंबर में गांधी नगर में धीरूभाई अंबानी इंफारमेशन टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट में होगी। दुनिया भर से आए साइबर एक्सपर्ट ने आइआइटी की साइबर सिक्योरिटी लैब की तारीफ की।