वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से चर्म निर्यातकों को दी बड़ी छूट, लंबे समय से चल रही थी मांग
कानपुर का चर्म उद्योग छह हजार करोड़ निर्यात करता है जिसमें 50 फीसद फिनिश लेदर होता है लेकिन अब सेमी फिनिश लेदर निर्यात की अनुमति मिल गई है।
कानपुर, जेएनएन। शहर के चर्म निर्यातक अब बिना निर्यात शुल्क के सेमी फिनिश लेदर भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार सकेंगे। अभी तक वह केवल फिनिश लेदर का निर्यात कर सकते थे, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने उन्हें इसकी स्वीकृति दे दी है। निर्यातकों की इस मांग पर लंबे समय से विचार किए जाने के बाद उन्हें इसकी छूट मिली है।
शहर का चर्म उद्योग प्रतिवर्ष छह हजार करोड़ रूपये का निर्यात करता है जिसमें 50 फीसद फिनिश लेदर होता है। कच्चे माल से फिनिश लेदर तैयार करना चर्म निर्यातकों को बहुत महंगा पड़ता है। सबसे पहले कच्चे माल से सेमी फिनिश लेदर बनता है। उसके बाद फिनिश लेदर बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है। फिनिश लेदर बनने में 22 दिन का समय लगता है। इसे बनाने में जिन केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, वह महंगे होने के साथ आसानी से उपलब्ध भी नहीं हैं।
अभी तक सेमी फिनिश लेदर के निर्यात में 60 फीसद निर्यात शुल्क लगाए जाने के कारण उद्यमियों को लाभ नहीं मिल पाता था। काउंसिल फाॅर लेदर एक्सपोर्ट के चेयरमैन पीआर अकील, रीजनल चेयरमैन जावेद इकबाल व चर्म उद्यमी मुख्तारूल अमीन के लगातार केंद्र सरकार से किए गए संपर्क के चलते वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है।
विदेश में है जबरदस्त मांग
काउंसिल फाॅर लेदर एक्सपोर्ट के रीजनल चेयरमैन जावेद इकबाल ने बताया कि सेमी फिनिश लेदर की इटली, जर्मनी, चीन, वियतना व यूएस में जबरदस्त मांग है। इसका सबसे बड़ा इस्तेमाल फैशन शू बनाने में किया जाता है जबकि जैकेट व कोट भी इससे बनाए जाते हैं। विदेश में चर्म उत्पाद बनाने वाले उद्यमियों में इसकी खूब मांग है।