क्वारंटाइन का समय बिताना गंवारा न हुआ तो घर के दरवाजे पर पर्स-मोबाइल फेंककर प्रवासी ने दी जान Kanpur News
Migrant Suicide महाराजपुर के सहदलीपुर गांव का रहने वाला युवक महाराष्ट्र से लौटकर आया फिर क्वारंटाइन सेंटर से पांच दिन में ही निकल गया था।
कानपुर, जेएनएन। लॉकडाउन में मुसीबतें उठाकर 12 सौ किमी का सफर तय करके युवक बड़ी उम्मीद से गांव लौटा था ताकि घर वालों के साथ परेशानियाें भरे पलों को साझा कर सकेंगे। लेकिन, उसे क्वारंटाइन सेंटर में समय बिताना गंवारा नहीं हुआ और घर के दरवाजे पर पर्स-मोबाइल दरवाजे पर फेंकने के बाद मौत को गले लगा लिया। आठ दिन से लापता युवक का शव रविवार दोपहर गांव के बाहर जंगल में लटका मिला तो घरवालों में कोहराम मच गया।
महाराजपुर सहदलीपुर निवासी 23 वर्षीय सूरज यादव महाराष्ट्र के नासिक में पेंटिंग का काम करता था। बड़े भाई राजा ने बताया कि 15 मई को सूराज महाराष्ट्र से लौटकर आया था। तीन दिन सरसौल के अपोलो स्थित क्वारंटाइन सेंटर में रहने के बाद 18 मई को उसे गांव के मिलन केंद्र में बने क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था।
ग्रामीणों ने बताया कि किसी तरह क्वारंटाइन सेंटर से निकलकर सूरज 23 जून को घर पहुंचा तो स्वजनों ने क्वारंटाइन का समय पूरा नहीं होने पर घुसने नहीं दिया। इससे नाराज सूरज घर के दरवाजे पर मोबाइल और पर्स कहीं चला गया था। उसके क्वारंटाइन सेंटर नहीं पहुंचने पर स्वजनों ने तलाश शुरू की लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला।
शनिवार स्वजनों ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। रविवार दोपहर गांव से तीन किमी. दूर जंगल में पेड़ में उसका शव लटकता मिलने से सनसनी फैल गई और घरवालों में कोहराम मच गया। मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि प्राथमिक जांच में क्वारंटाइन पूरा नहीं होने पर स्वजनों ने घर आने से रोक दिया था, जिसके बाद संभवत: युवक ने यह कदम उठाया है।