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जनवरी 2022 से दौड़ेगी मेट्रो, 2024 में चलने लगेंगी 39 ट्रेनें

मेट्रो के प्राथमिक कारिडोर के लिए आएंगी आठ ट्रेनें नौ किलोमीटर होगा लंबा। (

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 01:33 AM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 01:33 AM (IST)
जनवरी 2022 से दौड़ेगी मेट्रो, 2024 में चलने लगेंगी 39 ट्रेनें
जनवरी 2022 से दौड़ेगी मेट्रो, 2024 में चलने लगेंगी 39 ट्रेनें

जागरण संवाददाता, कानपुर : शहर में मेट्रो के प्राथमिक कारिडोर आइआइटी से मोतीझील के बीच चलाने के लिए आठ ट्रेनें आएंगी। पहली ट्रेन के तीन कोच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हरी झंडी दिखाने के बाद शनिवार को गुजरात से रवाना हो गए। अगले 10 से 12 दिन में ये कोच यहां आ जाएंगे। इसके बाद इनकी असेंबलिग होगी। पालीटेक्निक डिपो में परीक्षण किया जाएगा। डिपो के अंदर बनाए गए ट्रैक पर ही इन्हें चलाकर देखा जाएगा। अधिकतम 90 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर परीक्षण होगा। हालांकि, मेट्रो 80 किलोमीटर की रफ्तार पर ही चलेगी।

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कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के अंतर्गत प्राथमिक कारिडोर नौ किलोमीटर लंबा है। इसका काम 15 नवंबर 2019 में शुरू हुआ था और अब 15 नवंबर 2021 को ही ठीक दो वर्ष पूरे होने पर ट्रायल रन होगा। जनवरी 2022 में आम जनता के लिए मेट्रो को प्राथमिक कारिडोर पर शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद आइआइटी से नौबस्ता (23.785 किलोमीटर) और सीएसए से बर्रा आठ (8.6 किलोमीटर) तक के दोनों मेट्रो कारिडोर पूरी तरह से वर्ष 2024 में शुरू होंगे। इनमें कुल 39 ट्रेनें आएंगी। इन सभी में भी तीन-तीन कोच होंगे। कानपुर की मेट्रो ट्रेन की विशेषताएं

- 'रीजेनरेटिव ब्रेकिग' का फीचर होगा। इससे ट्रेनों में लगने वाले ब्रेक से 45 फीसद तकऊर्जा को रीजेनरेट करके फिर से सिस्टम में इस्तेमाल कर लिया जाएगा। वायु-प्रदूषण को कम करने के लिए इन ट्रेनों में अत्याधुनिक 'प्रापल्सन सिस्टम' रहेगा।

- कार्बन-डाई-आक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिग सिस्टम होगा, जो ट्रेन में मौजूद यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलेगा और ऊर्जा की बचत करेगा।

- आटोमेटिकट्रेन आपरेशन को लेकर ये ट्रेनें संचारित आधारित ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से चलेंगी।

- कानपुर मेट्रो की प्रत्येक ट्रेन की यात्री क्षमता 974 यात्रियों की होगी।

- इनकी डिजाइन स्पीड 90 किमी प्रति घंटा और आपरेशन स्पीड 80 किमी प्रति घंटा तक होगी।

- ट्रेन के पहले और आखिरी कोच में दिव्यांगों की व्हीलचेयर के लिए अलग से जगह होगी। व्हीलचेयर के स्थान के पास 'लांग स्टाप रिक्वेस्ट बटन' होगा, जिसे दबाकर दिव्यांग ट्रेन आपरेटर को अधिक देर तक दरवाजा खुला रखने के लिए सूचित कर सकते हैं, ताकि वे आराम से ट्रेन से उतर सकें।

- अग्निशमन यंत्र, स्मोक डिटेक्टर्स और सीसीटीवी कैमरे भी लगे होंगे।

- अत्याधुनिक फायर और क्रैश सेफ्टी के मानकों के आधार पर डिजाइन किया गया है।

- हर ट्रेन में 24 सीसीटीवी कैमरे होंगे, जिनका वीडियो फीड सीधे ट्रेन आपरेटर और डिपो में बने सेंट्रल सिक्योरिटी रूम में पहुंचेगा।

- हर ट्रेन में 56 यूएसबी चार्जिग प्वाइंट होंगे।

- हर ट्रेन में 36 एलसीडी पैनल्स भी होंगे।

- टाक बैक बटन को दबाकर यात्री आपात स्थिति में ट्रेन आपरेटर से बात कर सकते हैं। यात्री की लोकेशन और सीसीटीवी का फुटेज सीधे ट्रेन आपरेटर के पास मौजूद मानीटर पर दिखाई देगा।

26 फरवरी को शुरू हुआ था कोचों का निर्माण

कानपुर मेट्रो के कोचों का निर्माण 26 फरवरी को शुरू हुआ था। सात माह के अंदर कोच की सप्लाई कानपुर के लिए कर दी गई है। कानपुर की 39 ट्रेनों के लिए गुजरात स्थित प्लांट में 117 कोच बनाए जाएंगे। लखनऊ मेट्रो का गो-स्मार्ट कार्ड हो सकेगा इस्तेमाल

कानपुर की मेट्रो में यात्री लखनऊ की मेट्रो के गो स्मार्ट कार्ड को इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे दोनों ही शहर में यात्री एक ही कार्ड से मेट्रो में यात्रा कर सकेंगे। देश में पहली बार हुआ डबल टी-गार्डर और ट्विन पियर कैप का प्रयोग

कानपुर मेट्रो के स्टेशन तेजी से बन सकें, इसके लिए मेट्रो ने डबल टी गार्डर का कानपुर में प्रयोग किया। यह देश का पहला प्रोजेक्ट है, जिसमें डबल टी-गार्डर और ट्विन पियर कैप का का प्रयोग हो रहा है। इसके अलावा वाशिग प्लांट बनाने के लिए डिपो परिसर में जगह कम पड़ने पर ट्विन पियर कैप बनाकर उस पर प्लांट बनाया गया है। 18-18 मीटर की पटरियां वेल्डिग कर बिछाई जा रहीं

ट्रैक में 18-18 मीटर की पटरियों को जोड़कर बिछाया जा रहा है। मेट्रो की पटरियों के बीच किसी तरह का कोई गैप नहीं रहेगा। थर्ड रेल के रूप में बगल की पटरी से मिलेगा करंट

शहर में मेट्रो के लिए ऊपर से कोई बिजली तार नहीं जाएगा। यहां थर्ड रेल के रूप में ट्रैक के बगल में ही साथ-साथ एक और पटरी चलेगी, जिस पर करंट रहेगा। मेट्रो के इंजन से एक पेंटो निकला होगा, जो थर्ड रेल को छूता हुआ चलेगा। इससे इंजन को करंट मिलेगा। इससे खंभों और तारों के सेटअप की जरूरत नहीं होगी। बुनियादी ढांचा बेहतर व सुंदर दिखाई देगा। लखनऊ में प्रशिक्षित हो रहे चालक

मेट्रो के चालकों को लखनऊ में यूपी मेट्रो के सेंटर आफ एक्सीलेंस फार ट्रेनिग में प्रशिक्षित किया जा रहा। इन्हें सिमुलेटर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सुरक्षा के लिए मिल चुका है पुरस्कार

कानपुर मेट्रो के प्राथमिक कारिडोर को संरक्षा प्रबंधन के लिए आइएसओ 45001 प्रमाणपत्र मिल चुका है। इसके अलावा इफेक्टिव सेफ्टी कल्चर अवार्ड 2021 भी हासिल हुआ है।


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