मेट्रो अपनाएगा 5डी बीआइएम, दुनिया के कई बड़े देशों में हो रहा इस तकनीक का उपयोग
उप्र रेल मेट्रो कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने रेल व मेट्रो टेक्नोलॉजी कॉन्क्लेव 2020 में जानकारी दी है। इस तकनीक का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिकतर बड़े निर्माण में इस्तेमाल होता है इसमें कोई भी कहीं भी बैठकर सिस्टम पर निर्माण की थ्री डी इमेज को देख सकता है।
कानपुर, जेएनएन। शहर में मेट्रो के निर्माण में फाइव डायमेंशन बिल्डिंग इंफार्मेशन मॉडलिंग (5डी बीआइएम) का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। इसके जरिए कोई भी व्यक्ति अपने सिस्टम से पूरी बिल्डिंग की थ्री डी इमेज देख सकेगा। इसके अलावा वह यह भी जान सकेगा कि जो कार्य चल रहा है वह कितने समय में पूरा होगा और उस पर क्या लागत आ रही है। दुनिया के तमाम देशों में बड़े निर्माणों में इसी तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है।
मेट्रो के अधिकारियों के मुताबिक मेट्रो का जो निर्माण कार्य चल रहा है, उसे लखनऊ और दिल्ली में बैठे अधिकारी या इससे संबंधित लोग भी किसी भी समय अपने सिस्टम पर देख सकें, इसके लिए यहां फाइव डी बीआइएम तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। थ्री डी तकनीक से उस लंबाई, चौड़ाई और मोटाई हर चीज की जानकारी हो जाएगी। इसमें कहां कितना निर्माण हो गया है। इसकी उसके हिसाब से पूरी ड्राइंग रहेगी। इसके साथ ही पूरे निर्माण में कहां पानी की निकासी है, कहां बिजली की वायरिंग है। अन्य चीजें कहां हैं, यह भी जानकारी रहेगी। इसे देखकर अगर उच्च स्तर से कोई कमी बताई जाएगी तो उसे स्थानीय स्तर पर दूर किया जा सकेगा।
थ्री डी इमेज के बाद चौथे डी के रूप में कितने समय में इसे बनाया जा सकेगा, इसका जिक्र भी हर कार्य के साथ रहेगा। इससे समय की बचत हो सकेगी। पांचवें डी के रूप में कास्ट कंट्रोल की बात रहेगी। इसके लिए टेंडर हो गया है ताकि जो भी कार्य हो रहा है, उसके फोटो, ड्राइंग, उसमें लगने वाले समय, उसकी लागत से संबंधित जानकारी नियमित रूप से फीड की जा सके। इस संबंध में उप्र रेल मेट्रो कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने रेल व मेट्रो टेक्नोलॉजी कॉन्क्लेव 2020 विषय पर आयोजित वेबिनार में भी दी। उन्होंने बताया कि इससे निर्माण में कम समय लगेगा और लागत भी कम होगी।