बेनाझाबर में अवैध निर्माण पर मेट्रो ने मानी गलती
- नगर निगम ने यूपीएमआरसी से मांगा 106 करोड़ का मुआवजा - हर मंगलवार को मेट्रो प्रशासन व
- नगर निगम ने यूपीएमआरसी से मांगा 106 करोड़ का मुआवजा
- हर मंगलवार को मेट्रो प्रशासन व नगर निगम अफसर करेंगे बैठक
जागरण संवाददाता, कानपुर : जलकल कालोनी बेनाझाबर में अवैध निर्माण गिराने के मामले में उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने गलती मानी है। महापौर ने यूपीएमआरसी और नगर निगम अफसरों की बैठक मंगलवार को बुलाई थी। महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि अवैध निर्माण होने पर जलकल ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद भी निर्माण कार्य नहीं रोका गया। निर्माण हटाते समय भी कोई बात जलकल विभाग से नहीं की गई। अवैध निर्माण हटाने के लिए खुद उनको जाना पड़ा।
महापौर ने यूपीएमआरसी के अफसरों से कहा कि जलकल विभाग ने कई पत्रों के माध्यम से इन निर्माणों पर आपत्ति जताई थी। बैठक में मौजूद यूपीएमआरसी के एसडीएम अजय आनंद वर्मा ने स्वीकार किया कि मेट्रो से त्रुटि हुई है। बैठक में नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने मेट्रो अफसरों से कहा कि किसी भी कार्य को नगर निगम के साथ साझा नहीं किया जाता है। मेट्रो की योजना कहां बन रही है, इसकी कोई सूचना नहीं है। अब हर मंगलवार को यूपीएमआरसी और नगर निगम के अफसरों के साथ बैठक होगी। नगर निगम ने भूमि का उपयोग करने के एवज में मेट्रो से 106 करोड़ का मुआवजा मांगा है।
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लखनऊ नगर निगम की तर्ज पर दिया जाए मुआवजा
महापौर ने कहा, लखनऊ नगर निगम की तर्ज पर अधिगृहीत जमीनों का मुआवजा दिया जाए। तय हुआ कि आठ सितंबर को यूपीएमआरसी और नगर निगम के अफसर एक साथ सर्वे करेंगे ताकि जमीनों का जल्द से जल्द मुआवजा दिया जा सके। मेट्रो प्रशासन के एसडीएम ने कहा, विवरण तैयार करके शासन के समक्ष रखा जाएगा। दिशा निर्देश के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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नगर निगम ने इन प्रमुख संपत्तियों के लिए मांगा मुआवजा
बाल भवन से शेल्टर होम की भूमि-1.24 करोड़
एसबीआइ एटीएम से श्यामा प्रसाद मुखर्जी पार्क -3.29 करोड़
नगर आयुक्त आवास से केडीए नर्सरी- 2.28 करोड़
तुलसी उपवन- 23.99 करोड़
बीएस पार्क बेनाझाबर रोड से पालिका स्टेडियम- 34.59 करोड़
पालिका स्टेडियम- 26.25 करोड़
चुन्नीगंज- 3.95 करोड़
नवीन मार्केट- 7.55 करोड़
कानपुर नगर निगम की विभिन्न स्थलों पर स्ट्रीट लाइट- 2.50 करोड़
आइटीएमएस में स्थापित यातायात संकेतक- 12.51 लाख
शेल्टर होम का पुनर्निर्माण- 25 लाख
शौचालय का निर्माण तुलसी उपवन के बाहर- 13.52 लाख
नगर निगम की परिसंपत्तियों पर लगे वृक्षों के लिए - 1.47 लाख