Oh My God ! कांजी भाई की बताई राह पर चले कानपुर के व्यापारी Kanpur News
बर्रा में सोटे बाबा मंदिर के बाहर व्यापारियों ने पर्चे बांटकर शिव भक्तों से अपील की।
कानपुर, जेएनएन। आपने अक्षय कुमार और परेश रावल की अभिनीत फिल्म ओ मॉय गॉड तो जरूर देखी होगी। इसमें कांजी भाई की भूमिका में परेश रावल का कोर्ट रूम में भक्ति और अंधविश्वास का अंतर समझाते दलील का डॉयलाग भी जरूर सुना होगा। फिल्म में कांजी भाई द्वारा बताई उस राह पर शहर के व्यापारी चलते नजर आए। सावन माह में उन्होंने भक्ति भाव का वो काम करके शिव को प्रसन्न भी किया।
कुछ इस तरह था फिल्म का सीन
फिल्म में कांजी भाई कोर्ट रूम में जज के सामने सिद्धेश्वर महाराज से जिरह करते हैं, वह उनसे पूछते हैं आपकी मंदिर वाली जगह कितने एकड़ में हैं। सिद्देश्वर महाराज बताते हैं कि 22 एकड़ में, जिसमें 322 छोटे-छोटे मंदिर हैं और इनमें भगवान की सेवा के लिए 142 पुजारी हैं। इसपर कांजी पूछते हैं कि मंदिर के बाहर भिखारी कितने बैठते हैं, इसका जवाब सिद्देश्वर महाराज नहीं दे पाते हैं। फिर कांजी भाई कहते हैं कि आपके मंदिर के पुजारी ने मुझे बताया कि किसी भी भिखारी को मंदिर के अंदर नहीं आने दिया जाता, चाहे ठंड हो या बरसात, वो बेचारे बाहर ही सड़ते रहते हैं। उसने कहा आपको आना है तो सोमवार को आइए और शिवजी को एक लोटा दूध चढ़ाइए। इसपर मैं मंदिर में गया तो बहुत सारे लोग लोटा में दूध लेकर लाइन में खड़े थे तो मैने सोचा अंदर कोई होगा दूध पीने वाला।
अंदर गया तो कोई नहीं था लोग शिवलिंग पर दूध चढ़ा रहे थे, वहां से वो हजारों लीटर दूध छोटी नाली से बाहर की ओर जा रहा था। मैनें सोचा बाहर तो कोई न कोई जरूर खड़ा होगा दूध पीने वाला, लेकिन बाहर भी कोई नहीं था। वो सारा दूध गटर में जा रहा था, टोटल वेस्ट। उस गटर के पास एक भिखारी खड़ा था, वो चार-पांच दिन का भूखा था शायद। इसी वजह से गटर में बहते दूध को देख रहा था लेकिन गटर का दूध कैसे पीता। इसलिए उस भिखारी को मैने अपना दूध का लोटा दे दिया, उस भिखारी ने पूरा दूध पी लिया और जानते हैं दूध पीकर मुझसे क्या बोला? भगवान तुम्हारा भला करे।
सावन में गरीबों को दूध बांटकर शिव को किया प्रसन्न
सावन के पावन मास में बुधवार को किदवई नगर स्थित सोटे बाबा मंदिर के बाहर प्रांतीय व्यापार मंडल के सदस्यों ने अनूठी मानव सेवा से शिव को प्रसन्न किया। मंदिर भोले नाथ की पूजा के बाद दूध से अभिषेक करने की बजाए बाहर गरीबों में उसे बांट दिया। गरीबों को दूध के पैकेट मिले तो उनके चेहरे खिल गए। व्यापारियों ने भक्तों को पर्चे बांट कर पूजन करके दूध जरूरमंद को देने की अपील की। कहा, सभी के अंदर भगवान का वास है और जब मानव सेवा होगी तभी सच्ची भक्ति होगी।
नालियों में जाता है शिवलिंग पर चढऩे वाला दूध
प्रांतीय व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता ने बताया कि सावन माह में मंदिरों में भगवान शिव का दुग्धाभिषेक किया जा रहा है। शिवलिंग पर चढऩे वाला दूध नालियों में चला जाता है। जहां गरीबों के बच्चे कुपोषण के शिकार हों और दो बूंद दूध के लिए तरसते हों, वहां इस तरह दूध बहाना कतई उचित नहीं है। पुराणों में जिक्र मिलता है कि दूसरों की सेवा, भूखे को भोजन कराने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं। इसलिए दुग्धाभिषेक नहीं बल्कि गरीबों को दूध बांटने से शिव प्रसन्न होंगे।
शिव भक्ति के लिए हो मानव कल्याण की भावना
हरप्रीत सिंह बब्बर कहते हैं जल में दो-चार बूंद दूध मिलाकर अभिषेक किया जा सकता है और बाकी का दूध गरीब को दें। संजय बिस्वारी ने कहा की सच्चे मन से ऐसा करने से भगवान शिव कहीं ज्यादा प्रसन्न होंगे, जितना कि दो चार लीटर दूध चढ़ाने से भी नहीं होंगे। शिव भक्ति के लिए मन में सच्ची श्रद्धा और मानव कल्याण की भावना होनी चाहिए। उनकी अपील सुनकर भक्तों ने भी अभिषेक के लिए संकल्पित दूध को गरीब बच्चों या जरूरतमंदों में बांटने का संकल्प लिया। शिव पर अर्पित दूध नाली में जाना कतई शुभ नहीं है। यहां पर विनय कुमार, उपेन्द्र दुबे, आत्मजीत सिंह, अंकुर गुप्ता, दविंदर सिंह, अनमोल सिंह, हरिओम शर्मा, सुनील कशीवार, अशोक आदि थे