सामने आई स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था लचर व्यवस्था, कानपुर के हैलट अस्पताल में दवाएं खत्म
यूपीएमएससी ने हैलट में जरूरी जीवन रक्षक दवाओं की आपूिर्त नहीं की है। इसपर सीएमएस ने मेडिकल कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्य को समस्या से अवगत कराया तो आनन-फानन बैठक बुलाकर वैकल्पिक इंतजाम के प्रयास शुरू किए गए ।
कानपुर, जेएनएन। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे के आदेश के बाद भी हैलट अस्पताल में उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन (यूपीएमएससी) ने दवाओं की आपूर्ति नहीं की है। अस्पताल में दवाएं खत्म हो गईं हैं। शुक्रवार सुबह जरूरी दवाओं का स्टॉक खत्म होने पर हैलट के सीएमएस ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि को समस्या से अवगत कराया।
उन्होंने समस्या के निराकरण एवं वैकल्पिक इंतजाम के लिए आनन-फानन बैठक बुलाई है, जिसमें दवाओं के लिए वैकल्पिक इंतजाम किए जाने को लेकर मंथन हो रहा है। उधर, अस्पताल प्रशासन ने स्थानीय स्तर पर दवा खरीदने के लिए 41 लाख रुपये का प्रस्ताव भेजा था, जिसे वित्त नियंत्रक ने लौटा दिया है।
मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में दवा खरीद में बदलाव
शासन ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में राजकीय मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में दवा खरीद की व्यवस्था में बदलाव किया है। नई व्यवस्था के तहत बजट का 80 फीसद दवाओं की आपूर्ति यूपीएमएससी और स्थानीय स्तर पर रेट कांट्रेक्ट पर कॉलेज प्रशासन 20 फीसद दवाओं की खरीद करेगा। नई व्यवस्था लागू होने के बाद से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल की व्यवस्था गड़बड़ा गई है। अन्य कॉलेजों के मुकाबले यहां सर्वाधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं। यहां इमरजेंसी, सेमी इमरजेंसी, ओपीडी, कोविड एवं इनडोर सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इसलिए यहां दवाओं की खपत भी अधिक है।
शासन को करा रहे अवगत
हैलट में दवाओं की समस्या से कॉलेज प्रशासन लगातार शासन को अवगत करा रहा है। इसलिए शासन ने बजट का 40 फीसद दवाएं स्थानीय स्तर से खरीद की अनुमति प्रदान की थी। वह भी बजट खत्म हो चुका है। मंगाई गईं दवाएं भी लगभग खत्म हो चुकी हैं, खासकर जरूरी एंटीबायोटिक दवाएं। प्राचार्य ने 25 लाख रुपये से दवाओं की खरीद की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की थी।
कॉरपोरेशन को भुगतान, पर दवाएं नहीं
यूपीएमएससी को हैलट एवं संबद्ध अस्पतालों में 119 प्रकार की दवाओं की आपूर्ति के लिए 1.30 करोड़ रुपये भुगतान पहले ही किया जा चुका है। उसके बाद भी आज तक दवाओं की आपूर्ति नहीं की है। जानकारी के मुताबिक 15 दिन दवाओं की आपूर्ति होने की उम्मीद भी नहीं है।
वित्त नियंत्रक ने लौटाया प्रस्ताव
अस्पताल प्रशासन ने वैकल्पिक इंतजाम के लिए जरूरी दवाओं की खरीद के लिए 41 लाख रुपये का प्रस्ताव बनाकर वित्तीय स्वीकृति के लिए प्राचार्य के माध्यम से वित्त नियंत्रण को भेजा था। वित्त नियंत्रक ने नियमों का हवाला देकर उसे लौटा दिया है।
- हैलट के सीएमएस से पता चला है कि दवाएं खत्म हो गईं हैं। कॉरपोरेशन से 119 प्रकार की दवाएं भी नहीं आईं हैं जबकि भुगतान किया जा चुका है। वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए बैठक बुलाई थी। समस्या से शासन को भी अवगत करा दिया है। - प्रो. रिचा गिरि, कार्यवाहक प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।