मेडिकल छात्रों की क्लासेज हुई इन्टरेक्टिव
जागरण संवाददाता, कानपुर: मेडिकल छात्रों की स्किल निखारने को चिकित्सा शिक्षा में भी अब नए प
जागरण संवाददाता, कानपुर: मेडिकल छात्रों की स्किल निखारने को चिकित्सा शिक्षा में भी अब नए प्रयास शुरू हो गए हैं। क्लासेज का परंपरागत तरीका थ्योरिटिकल की जगह अब इन्टरेक्टिव कर दिया गया है ताकि छात्र अपनी बात कह सकें और किसी भी टॉपिक में उनका नजरिया स्पष्ट हो सके।
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सौरभ अग्रवाल ने चिकित्सा शिक्षा में पढ़ाई के बदलते तरीके के बारे में बताते हुए कहा कि एमबीबीएस में पढ़ाई के साथ क्लासेज इन्टरेक्टिव की जा रही हैं। इसमें छात्रों को विभिन्न टॉपिक देकर उन्हें प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत करने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। देश-विदेश में नित हो रहे चिकित्सा शिक्षा के शोध एवं रिसर्च पर चर्चा की जाती है। विश्व में चिकित्सा विज्ञान के आधुनिक इलाज व उनकी जांचों पर विस्तार से बातचीत होती है। उन्हें ऐसे आधुनिक इलाज व शोधों से आइडिया लेकर नए प्रोजेक्ट बनाने को प्रेरित किया जा रहा है। परास्नातक के छात्रों को थीसिस के नए-नए टॉपिक व आइडिया दिए जाते हैं। इसका उद्देश्य छात्रों में किसी भी मंच पर अपनी बात दूसरे तक बेहतर ढंग से पहुंचाने की क्षमता विकसित करना है। इसके आधार पर डे-टू-डे की मार्किंग की जाती है ताकि उनमें रिसर्च मेथालॉजी का ज्ञान विकसित हो सके। इसका असर भी दिखने लगा है, हमारे छात्र-छात्राएं नए-नए आइडिया लेकर शोध कार्य के लिए आगे आने लगे हैं। कालेज के कंसल्टेंट एवं रेजीडेंट के रिसर्च देश-विदेश के जनरल में प्रकाशित हुए हैं।
दूसरे संस्थानों के साथ मिलकर काम
आइआइटी की टेक्नोलाजी एवं अपने चिकित्सा ज्ञान को मिलाकर मरीज हित में कई कार्य किए जा रहे हैं। इससे हमारे छात्र नई-नई चीजें सीखेंगे और उसे साकार करेंगे। इसका फायदा मरीजों को मिलेगा।