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ट्रांसगंगा सिटी में मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर बनाने की तैयारी, 100 एकड़ भूमि की जरूरत

यूपी इलेक्ट्रॉनिक कारपोरेशन प्रबंधन ने यूपीसीडा प्रबंधन से ट्रांसगंगा सिटी में चिकित्सकीय उपकरण के लिए क्लस्टर स्थापित करने के लिए वार्ता की है। यहां पर औद्योगिक इकाई लगाने वालों को केंद्र सरकार विभिन्न तरह के अनुदान देगी ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 10:45 AM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 10:45 AM (IST)
ट्रांसगंगा सिटी में मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर बनाने की तैयारी, 100 एकड़ भूमि की जरूरत
कानपुर में ट्रांसगंगा सिटी को विकसित करने की कवायद शुरू।

कानपुर, जेएनएन। चिकित्सा उपकरण के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने जगह- जगह मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर बनाने के आदेश दिए हैं। ऐसे क्लस्टर में औद्योगिक इकाई लगाने वालों को केंद्र सरकार विभिन्न तरह के अनुदान देगी। उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास नीति के तहत भी विभिन्न तरह के अनुदान दिए जाएंगे। क्लस्टर को गंगा बैराज स्थित ट्रांसगंगा हाईटेक सिटी में स्थापित करने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक कारपोरेशन प्रबंधन ने उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीसीडा) के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी से 50 से 100 एकड़ भूमि मांगी है। पिछले दिनों औद्योगिक विकास को लेकर सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने भी ट्रांसगंगा सिटी में ही क्लस्टर बनाने के आदेश दिए थे। 

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कोरोना काल में वेंटीलेटर समेत कई उपकरणों की मांग बढ़ गई थी। अस्पतालों में इन उपकरणों की कमी से भी कोरोना संक्रमितों की बड़े पैमाने पर मौत हुई। उधर चीन से तनातनी के बाद वहां से भी तमाम उपकरणों का आयात नहीं हुआ। ऐसे में भारत सरकार ने चिकित्सा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाया है। ललितपुर में जहां दो हजार एकड़ में बल्क ड्रग पार्क बनाने की तैयारी है तो ट्रांसगंगा सिटी में मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। क्लस्टर की स्थापना कानपुर-उन्नाव-लखनऊ हाईवे के किनारे कहीं दो सौ एकड़ में करने का प्रस्ताव यूपी इलेक्ट्रॉनिक कारपोरेशन प्रबंधन ने किया था, मगर वहां भूमि नहीं मिल पा रही है। ऐसे में ट्रांसगंगा सिटी में क्लस्टर की स्थापना की पहल की गई है।

ये उपकरण बनेंगे

रेडियोथैरेपी की मशीन, वेंटीलेटर, सीपैप, सक्शन मशीन, वाईपैप, हाई फ्लो नेजल कैनुला, प्रेशर घड़ी, एमआरआइ, सीटी स्कैन, डिजिटल व सामान्य एक्सरे मशीन, अल्ट्रासाउंड मशीन, एंडोस्कोपी, फाउलर बेड, मल्टीपैरा मॉनीटर, ईसीजी मशीन, सेंट्री फ्यूगल मशीन आदि।

  • क्लस्टर की स्थापना के लिए ट्रांसगंगा सिटी में भूमि देखने के लिए कॉरपोरेशन प्रबंधन को कहा है। सीईओ यूपीसीडा से भी कहा है कि वह संभावना देख लें। -सतीश महाना, औद्योगिक विकास मंत्री

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