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एलएलआर अस्पताल में ओपीडी के सामने रिसेप्शन हॉल का निर्माण दिसंबर तक कराएं पूरा

अस्पताल के निरीक्षण के दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने दिए निर्देश।

By Edited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 01:26 AM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 04:50 PM (IST)
एलएलआर अस्पताल में ओपीडी के सामने रिसेप्शन हॉल का निर्माण दिसंबर तक कराएं पूरा
एलएलआर अस्पताल में ओपीडी के सामने रिसेप्शन हॉल का निर्माण दिसंबर तक कराएं पूरा
कानपुर, जागरण संवाददाता। ओपीडी के सामने रिसेप्शन हॉल का निर्माण दिसंबर तक पूरा कराएं, ताकि मरीज एवं तीमारदारों को इधर-उधर न भटकना पड़े। सोमवार को यह निर्देश एलएलआर अस्पताल (हैलट) के निरीक्षण के दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों को दिए। चिकित्सा शिक्षा मंत्री लखनऊ से सीधे एलएलआर अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे।
यहां बने आयुष्मान भारत योजना के काउंटर को देख उन्होंने संतोष जताया। उसके बाद मेडिसिन आइसीयू और फिर आर्थोपेडिक विभाग के वार्ड-एक गए। यहां मरीजों से दवाएं मिलने की जानकारी ली। इसी दौरान शौचालयों से आती दुर्गध पर उन्होंने तत्काल सफाई कराने के निर्देश दिए। उसके बाद ब्लड बैंक गए, जहां एक तीमारदार से मरीज के बारे में पूछताछ की। वहां से सर्जरी विभाग एवं न्यूरो सर्जरी विभाग के बीच बन रहे लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट देखने पहुंच गए। वहां ताला लगे होने पर कहा कि तीनों प्लांट का कार्य दिसंबर तक पूरा करा लें, उसके बाद देखेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत निर्माणाधीन मल्टी सुपर स्पेशियलिटी विंग व ट्रामा सेंटर के लिए प्रस्तावित भूमि का भी निरीक्षण किया। इस दौरान जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. आरती दवे लालचंदानी, प्रमुख अधीक्षक डॉ. आरके मौर्या, सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय काला एवं चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रेम सिंह थे।
भगवान बनना है तो पहले सेवाभाव लाएं
चिकित्सा क्षेत्र का तेजी से व्यवसायीकरण हो रहा है। मेडिकल कॉलेजों से पढ़ाई कर निकलने वाले छात्र-छात्राएं भी प्रभावित हो रहे हैं, जबकि उन्हें धरती का भगवान माना जाता है। अगर डॉक्टरों को वास्तव में धरती का भगवान बनना है तो अपने अंदर सेवाभाव पैदा करना होगा। यह बातें सोमवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में आयोजित नेशनल मेडिकल आर्गेनाइजेशन (एनएमओ) के चरक शपथ ग्रहण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने कहीं।
उन्होंने कहा कि अगर स्वास्थ्य अच्छा होगा तो राष्ट्र सेवा बेहतर ढंग से कर सकेंगे। इसलिए मेडिकल छात्र-छात्राएं स्वास्थ्य सेवा के माध्यम से देश सेवा का संकल्प लेकर अभी से जुट जाएं। इलाज के दौरान कई बार विवाद होते हैं। इसे भी सकारात्मक लें क्योंकि आप डॉक्टर होने के नाते जिम्मेदार इंसान हैं। तीमारदार की बातें धैर्य से सुनें, जिससे सामने वाले का कष्ट दूर हो सके। एक दिन ग्रामीणों के लिए निकालें एनएमओ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने कहा कि एमबीबीएस एवं पीजी छात्र-छात्राएं मलिन बस्तियों, वनवासी क्षेत्र और ग्रामीणों के इलाज के लिए सप्ताह में एक दिन समय निकालें। महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. केके गुप्ता ने कहा कि डॉक्टर आत्मचिंतन कर अपनी कमियों को दूर करें।
प्राचार्य ने बताई उपलब्धियां
जीएसवीएम कॉलेज की प्राचार्य डॉ. आरती दवे लालचंदानी ने अतिथियों का स्वागत किया। कॉलेज की उपलब्धियों एवं वर्तमान में चल रहीं योजनाओं से अवगत कराया। इसके पहले कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। संचालन एनएमओ के अवध प्रांत के प्रभारी एवं केजीएमयू के सर्जरी विभाग के प्रो. संदीप तिवारी एवं प्रो. अमिता तिलक ने किया। अंत में डॉ. संदीप तिवारी ने फैकल्टी, सीनियर जूनियर रेजीडेंट और मेडिकल छात्र-छात्राओं को शपथ दिलाई।

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