मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने सीनियर रेजीडेंट बनने की उम्र सीमा बढ़ाई Kanpur News
अभी तक एसआर बनने की अधिकतम उम्र सीमा 40 वर्ष निर्धारित थी।
कानपुर, जेएनएन। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने सीनियर रेजीडेंट बनने की उम्र सीमा बढ़ा दी है। अभी तक सिर्फ 40 वर्ष की आयु तक ही एसआर बनने के लिए आवेदन किया जा सकता था। यह निर्णय केंद्रीय चिकित्सीय संस्थानों और राजकीय मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी को देखते हुए लिया गया है।
देश के उत्कृष्ट चिकित्सीय संस्थान और केंद्र सरकार के चिकित्सीय संस्थानों में असिस्टेंट प्रोफेसर (एपी) बनने के लिए तीन वर्ष की सीनियर रेजीडेंट शिप अनिवार्य है। वहीं राज्य सरकारों के अधीन संचालित मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए एक वर्ष की एसआरशिप जरूरी है। अब तक एमसीआइ ने एसआरशिप का आवेदन करने के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष निर्धारित कर रखी थी।
ऐसे में स्नातकोत्तर यानी एमएस/एमडी पूरी करते-करते तमाम छात्र इस सीमा तक पहुंच जाते थे। ऐसे में वह एसआर के लिए आवेदन नहीं कर पाते थे। इसे देखते हुए एमसीआइ ने चिकित्सीय संस्थानों में शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता रेगुलेशन-1998 में संशोधन कर दिया है। जारी अधिसूचना के मुताबिक अब एसआर बनने की अधिकतम उम्र सीमा 45 वर्ष हो गई है।
केंद्र सरकार ने जारी किया आदेश
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा शिक्षा के असिस्टेंट डायरेक्टर जनरल प्रो. बी श्रीनिवास ने यह आदेश जारी कर दिया है। एम्स, पीजीआइ, जवाहर लाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च समेत देश के सभी उत्कृष्ट संस्थानों में यह आदेश लागू हो चुका है।
-मेडिकल कॉलेजों एवं संस्थानों के लिए एसआर बहुत जरूरी हैं। इस फैसले से छात्र-छात्राओं को राहत मिली है। एमसीआइ की पहल से चिकित्सीय संस्थानों एवं मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी दूर होगी। केंद्र सरकार ने आदेश जारी कर दिया है। राज्य में भी जल्द लागू होगा। - प्रो. आरती लालचंदानी, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।