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मेडिकल कालेज में हैं सरकारी डाक्टर पर कई वर्षों से विदेश में कर रहे नौकरी

शासन ने 14 चिकित्सा शिक्षकों को भेजा बर्खास्तगी का नोटिस होगा देयकों का हिसाब किताब।

By AbhishekEdited By: Published: Mon, 25 Feb 2019 05:49 PM (IST)Updated: Tue, 26 Feb 2019 10:52 AM (IST)
मेडिकल कालेज में हैं सरकारी डाक्टर पर कई वर्षों से विदेश में कर रहे नौकरी
मेडिकल कालेज में हैं सरकारी डाक्टर पर कई वर्षों से विदेश में कर रहे नौकरी
कानपुर, जागरण संवाददाता। शासन ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कार्डियोलॉजी और जेके कैंसर अस्पताल से वर्षों से गायब 14 चिकित्सा शिक्षकों को बर्खास्तगी का नोटिस दिया है। शासन को इनकी सुध आठ से दस साल बाद आई है। आठ-दस साल से गायब इन चिकित्सकों में कई खाड़ी देशों में नौकरी कर रहे हैं। शासन से बर्खास्तगी का नोटिस मिलने के बाद अब इन चिकित्सकों के देयकों का हिसाब-किताब भी किया जाएगा।
चिकित्सा शिक्षकों की कमी झेल रहे गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक (जीएसवीएम) मेडिकल कॉलेज के आठ शिक्षक बगैर अवकाश के लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे हैं। इनमें एनॉटमी के डॉ. हामिद अंसारी व डॉ. समता, सर्जरी के डॉ. श्रवण प्रताप सिंह, परवेज अहमद व निसार अहमद, मेडिसिन के डॉ. विवुध प्रताप सिंह, फार्मांकोलॉजी के डॉ. शाहीन सईद और फिजियोलॉजी के डॉ. मोहम्मद हिफजुर रहमान हैं। इसी तरह लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) के कार्डियक सर्जन डॉ. विशाल अग्रवाल व डॉ. रजत अग्रवाल तथा कार्डियक एनस्थीसिया की डॉ. हुमैरा परवीन भी गायब हैं। इस सूची में राजकीय जेके कैंसर संस्थान के रेडियोडायग्नोसिस विभाग के डॉ. अमित कुमार सिंह समेत तीन शिक्षक लंबे समय से अनुपस्थित हैं।
खाड़ी देशों में कर रहे नौकरी
कॉलेज के कर्मचारियों का कहना है कि इनमें से कई शिक्षक यहां से खाड़ी देश चले गए। वहां सउदी अरब, दुबई आदि में नौकरी कर रहे हैं।
क्या बोलीं प्राचार्य
मेडिकल कॉलेज के 8, हृदय रोग संस्थान व जेके कैंसर संस्थान 3-3 शिक्षक सहित 14 शिक्षक हैं जो 8-10 वर्षों से अनुपस्थित हैं। उनकी वजह से चिकित्सीय व शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। सभी को कई बार नोटिस दिया गया है। एक बार भी किसी ने जवाब नहीं दिया। अब शासन के स्तर से कार्रवाई शुरू है।
-डॉ. आरती लालचंदानी, प्राचार्य जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।  

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