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कानपुर : विरासत में राह मिली, लगन से पाया मुकाम

दोनों भाइयों को पिता से बेहतर मार्गदर्शन और प्रेरणा मिली। उसी के बलबूते कारोबार को आगे बढ़ाया।

By Krishan KumarEdited By: Published: Tue, 07 Aug 2018 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 07 Aug 2018 10:36 AM (IST)
कानपुर : विरासत में राह मिली, लगन से पाया मुकाम

छोटी सी नींव पर सफलता की बड़ी इमारत कैसे खड़ी करते हैं, यह जानना-समझना है तो शहर के कारोबारी भाइयों रमन और नितिन टंडन से मिलिए। व्यापार को बढ़ाने की ललक और लगन ऐसी थी कि पिता की दिखाई राह पर कदम बढ़ाते हुए वह मुकाम हासिल कर लिया, जहां से वह अब सैकड़ों परिवारों की आय का सहारा बन चुके हैं। छोटी सी पूंजी से शुरू हुआ व्यापार देश-विदेश में पहुंच चुका है।

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स्वरूप नगर निवासी अशोक टंडन ऑफसेट प्रिंटिंग का काम करते थे। उनके बेटे रमन और नितिन ने भी पिता के कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए कदम बढ़ाया। 2000 में दादानगर औद्योगिक क्षेत्र में फ्लेक्सिबल पैकेजिंग (प्लास्टिक रैपर आदि बनाने का काम) का व्यापार शुरू किया। रमन ने एमबीए की पढ़ाई की थी, जबकि उनके छोटे भाई नितिन स्नातक थे। पिता अशोक टंडन के अनुभव और निर्देशन से दोनों भाइयों ने मेहनत से काम शुरू किया।

रमन बताते हैं कि जब उन्होंने फ्लेक्सिबल पैकेजिंग का कारोबार शुरू किया, तब फैक्ट्री में मात्र 20 कर्मचारी रखे थे। धीरे-धीरे काम बढ़ता गया और वर्तमान में 400 कर्मचारी काम कर रहे हैं। अप्रत्यक्ष रूप से भी कई परिवारों को काम मिला होगा।

छोटी पूंजी से ही बढ़ाया कारोबार
रमन टंडन ने बताया कि उन्होंने व्यापार शुरू करने के लिए कुछ रकम पिता से और कुछ बैंक से कर्ज लिया। उससे काम शुरू किया। वर्तमान में ठीक-ठाक टर्नओवर है। उन्होंने बताया कि उनके उत्पाद देश के 80 शहरों के अलावा यूरोप और यूएस में भी निर्यात हो रहे हैं।



कम न थीं चुनौतियां
सरकार आज देश और प्रदेश में औद्योगिक माहौल बनाने के प्रयास में दिख रही है, लेकिन पहले ऐसा नहीं था। उद्यमी रमन टंडन के मुताबिक, काम शुरू किया, तब तो उद्योगों के लिए कतई सकारात्मक माहौल ही नजर नहीं आता था। छोटे-छोटे काम के लिए सरकारी विभागों के चक्कर काटने पड़ते थे। काम कई-कई महीने लटके रहते थे। वह मानते हैं कि सरकार बेशक प्रयास कर रही हो, लेकिन स्थिति में अपेक्षित सुधार अभी भी नहीं आ सका है।

रमन टंडन का कहना है कि, 'हम दोनों भाइयों को पिता से बेहतर मार्गदर्शन और प्रेरणा मिली। उसी के बलबूते हमने कारोबार को आगे बढ़ाया। किसी भी व्यक्ति को सफल होना है तो एक ही बात याद रखनी होगी। कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं हो सकता। इसके अलावा तय मान लें कि आप आगे बढऩा चाहेंगे तो राह में रोड़े भी बहुत आएंगे, लेकिन धैर्य भी साथ-साथ रखना होगा।'

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