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कानपुर फोरमः साथ चलकर तो देखिए, बदल जाएगी शहर की तस्वीर

माय सिटी माय प्राइड के फोरम पर जिम्मेदार जुटे तो अतिक्रमण, यातायात, स्वच्छता, सड़क और जनसामान्य की सुरक्षा जैसी समस्याओं के समाधान भी निकलकर सामने आए।

By Gaurav TiwariEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 06:01 AM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 06:01 AM (IST)
कानपुर फोरमः साथ चलकर तो देखिए, बदल जाएगी शहर की तस्वीर

माय सिटी माय प्राइड के फोरम पर जिम्मेदार जुटे तो अतिक्रमण, यातायात, स्वच्छता, सड़क और जनसामान्य की सुरक्षा जैसी समस्याओं के समाधान भी निकलकर सामने आए। एक बात पुख्ता हुई कि बिना शहरवासियों की सहभागिता के बदलाव मुश्किल है। महापौर के साथ प्रशासनिक अफसर हों या पुलिस अधिकारी, सभी ने एक स्वर में कहा कि जनसहभागिता के बिना समस्याओं का अंत मुमकिन नहीं। लोगों को स्वयं के साथ बच्चों में सिविक सेंस (नागरिक भावना) जागृत करनी होगी। नियमों का पालन करने से यातायात दुरुस्त होगा। अतिक्रमण के खिलाफ खड़े होने से सड़कें चौड़ी होंगी और कम्युनिटी पुलिसिंग से अपराधों में कमी आएगी।

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घर के सामने सफाई रखें, साफ हो जाएगा देश : मंडलायुक्त
मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा ने कहा अपने घर के सामने सफाई रखने का प्रण कर लें, पूरा देश साफ हो जाएगा। जब तक जनसामान्य में सिविक सेंस (नागरिक भावना) नहीं होगी, सरकारी मशीनरी कुछ नहीं कर सकती। उन्होंने शहरवासियों से अपील की, कूड़े को उसकी जगह तक पहुंचाएं। यातायात की समस्या पर पूछा, आपका ट्रैफिक सेंस कैसा है? स्वयं विचार कीजिए। रेड लाइट, हेलमेट और स्पीड नियंत्रण के नियम आपकी सुरक्षा के लिए हैं लेकिन आप ही इसका पालन नहीं करते, क्यों? अतिक्रमण पर कहा, दुकानों का सामान बाहर क्यों आ जाता है। उन्होंने बरसात के बाद अतिक्रमण पर सख्ती बरतने की बात कही।

एक करोड़ की आबादी को ध्यान में रखकर योजनाएं बनानी होंगी : एडीजी
एडीजी अविनाश चंद्र ने कहा कि शहर उम्मीदों से भरा है। रेल, बस, सड़क की बेहतर कनेक्टिविटी के साथ हवाई मार्ग से जुड़ाव ने संभावनाओं को नए आयाम दिए हैं लेकिन चुनौतियां भी ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 50 लाख की आबादी भविष्य में एक करोड़ होगी। इसे ध्यान में रखकर स्वास्थ्य, बिजली, पानी, शिक्षा, चिकित्सा, यातायात, सड़क की चुनौतियों के अनुसार भावी योजनाएं बनाने की जरूरत है। शहर की बेहतरी के लिए जरूरी है कि जनसामान्य सिविक सेंस का स्वत: पालन करे क्योंकि एक फीसद बिगड़े लोगों को सुधारा जा सकता है लेकिन 98 फीसद को सुधारना मुश्किल है। सभी मिलकर योगदान देंगे तो जिस शहर के निर्माण का स्वप्न देखा जा रहा है वह निश्चित तौर पर पूर्ण होगा।

गांव-मोहल्लों के झगड़े निपटाने को कम्युनिटी पुलिसिंग की जरूरत : एसएसपी 
एसएसपी अनंत देव तिवारी ने कहा कि सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है। इसके लिए सबको मिलकर काम करना होगा। कानून लागू करने से सुरक्षा की अवधारणा नहीं आती। इसमें समाज का सहयोग भी चाहिए। बोले कम्युनिटी पुलिसिंग पर काम कर रहा हूं ताकि गांव के झगड़े गांव में और मोहल्ले के झगड़े मोहल्ले में समाप्त हो जाएं, कोई कोर्ट न जाए। एसएसपी ने कम्युनिटी पुलिसिंग को लेकर दिल्ली, बेंगलुरू, असोम समेत अन्य प्रदेशों में बनी संस्थाओं का जिक्र किया। बोले, इससे 80 फीसद विवाद समाप्त हो जाएंगे। मिश्रित आबादी में हर समुदाय के लोगों को कम्युनिटी पुलिसिंग से जोड़कर सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ाया जाएगा। उन्होंने लोगों से सजग रहने, किरायेदारों से आधार मांगने, किसी भी संदिग्ध की पहचान ट्रूकॉलर से करने की सलाह दी और शक होने से पर पुलिस को सूचना देने की बात कही।

जानवरों को रोकने के लिए होती है इतनी व्यवस्था : आइजी
आइजी आलोक सिंह ने कहा कि मुझे यह जानकर खुशी हुई कि इकोनॉमी और बिजनेस के मामले में शहर अव्वल है। अपराधियों के खात्मे के लिए सरकार ने हमें खुली छूट दे रखी है लेकिन यातायात व्यवस्था चुनौती बनी है। ऐसा नहीं कि यातायात को दुरुस्त रखने के लिए कुछ किया नहीं जा रहा है। बोले, विदेशों में जो लोग पूल (एक वाहन में कई लोग) में जाते हैं, उन्हें तीव्र लेन में चलने का मौका मिलता है जबकि जो लोग अकेले चलते हैं, उन्हें धीमी लेन में चलना पड़ता है। यह उदाहरण देते हुए कहा, शहर में लाल बत्ती है, फिर भी होमगार्ड और सिपाही रोकते हैं, इसके बाद रस्सा लगाया जाता है। इतनी व्यवस्था तो किसी जानवर को रोकने के लिए होती है न कि इंसान को। बोले, सीएसआर फंड से ट्रैफिक पार्क को डेवलप कर एक विषय बनाने से बच्चों में इसकी आदत पड़ेगी।

हम सुधरेंगे तो सब सुधर जाएगा : महापौर
महापौर प्रमिला पांडेय का कहना था कि जब तक हम नहीं सुधरेंगे तब तक जन समस्याओं के निस्तारण की बात बेमानी है। उन्होंने अपील की कि सब मिलकर व्यवस्था में सहयोग करें। एक बार सफाई होती है, फिर कूड़ा सड़क पर आ जाता है। लोगों को यह समझना होगा कि घर के साथ शहर साफ रखना भी उनकी जिम्मेदारी है। साफ सफाई होगी तो सब स्वस्थ रहेंगे। बोलीं, इज्जत घर देकर सरकार ने गांव की महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या का समाधान किया है। फोरम से उन्होंने घोषणा की कि जब तक शहर को साफ नहीं कर लेतीं, उनके कदम नहीं रुकेंगे। हाल में बाढ़ की बड़ी समस्या में शहरवासी स्वत: एकजुट हुए और पीडि़तों की हर संभव मदद की तो शहर की तस्वीर बदलने के लिए हम एकजुट क्यों नहीं हो सकते? उन्होंने वादा किया कि शहर के विकास के लिए जो भी बेहतर तरीका होगा उसे अमल में लाया जाएगा।

मंशा व दिल साफ हो तो सब समस्याओं का हल निकलेगा : डीएम
जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत ने कहा कि मंशा व दिल साफ हो तो सभी समस्याओं का हल है। बोले जब समस्याएं पैदा होती हैं तो छोटी होती हैं, वक्त के साथ बड़ी हो जाती हैं। पांडु नदी की समस्या कुछ ऐसी ही थी। पूर्व में ध्यान दिया गया होता तो बाढ़ की विभीषिका नहीं झेलनी पड़ती। उन्होंने कहा कि यातायात और गंदगी को लेकर दिमाग में कई चीजें हैं। सबका सहयोग लेकर हम आगे बढ़ेंगे। दूसरी बार यातायात नियम तोडऩे वालों पर अधिक जुर्माना का प्रावधान हो। आइटीएमएस के बेहतर संचालन, पार्किंग और अतिक्रमण की समस्या कैसे खत्म हो, इस पर योजना बना रहे हैं। जिलाधिकारी ने समस्याओं को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का सुझाव दिया। वह बोले कि शहर को आप बेहतर जानते हैं इसलिए विचार साझा कीजिए, काम हम करेंगे।


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