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कानपुर : जो कल तलाशता था नौकरी, आज वो बांट रहा है नौकरी

रामगोपाल दुबे कहते हैं कि, 'अगर नौकरी मिल जाती तो कारोबार खड़ा करने की सोचता ही नहीं। युवाओं को नौकरी के साथ स्वरोजगार के विकल्प को जेहन में रखना चाहिए। '

By Krishan KumarEdited By: Published: Wed, 08 Aug 2018 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 08 Aug 2018 06:00 AM (IST)
कानपुर : जो कल तलाशता था नौकरी, आज वो बांट रहा है नौकरी

रोजी-रोटी की तलाश में रामगोपाल दुबे खाली हाथ आये थे। मेहनत से खुद सफलता की लकीर खींचते गए और नौकरी की तलाश में भटकने से शुरू हुआ उनका सफर आज नौकरी बांटने तक पहुंच चुका है। अब वह अपना खुद का कारोबार कर रहे हैं। मौजूदा समय में उन्होंने कानपुर के बाद लखनऊ में ई-रिक्शा बनाने की फैक्ट्री शुरू कर दी है।

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लाजपत नगर निवासी रामगोपाल दुबे मूल रूप से कासगंज के रहने वाले हैं। वह बताते हैं कि स्नातकोत्तर तक पढ़ाई पूरी करने के बाद 14 साल पहले वह नौकरी की तलाश में कानपुर आए। नौकरी के लिए भटकते रहे, लेकिन कहीं संतोषजनक वेतन वाला काम नहीं मिला। लिहाजा, सोच का ट्रैक बदला और फ्लेक्स ट्रेडिंग का काम शुरू कर दिया। फ्लेक्स बनाने वालों के लिए बाजार में जाकर ऑर्डर तलाशते और उसके बदले उन्हें कमीशन मिलता।

ट्रेडिंग के काम को ही उन्होंने उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड और बिहार तक पहुंचा दिया। करीब दो साल पहले उन्हें किन्हीं कारणों से फ्लेक्स ट्रेडिंग का काम छोड़ना पड़ा। वह फिर काम से खाली हो गए, लेकिन अब उनके पास मेहनत से जुटाई कुछ रकम थी। चूंकि फ्लेक्स मैटेरियल के सिलसिले में कई बार चीन जाना हुआ था, इसलिए वहां ई-रिक्शा बनाने वाली कंपनी भी देख चुके थे। उसी कॉन्सेप्ट पर काम करने के लिए दो साल पहले उन्होंने ठान लिया कि ई-रिक्शा बनाने वाली कंपनी शुरू करेंगे।

फिर पहाड़ बनकर खड़ी हो गई चुनौती
रामगोपाल दुबे बताते हैं कि उनके पास लगभग 15 लाख रुपये की पूंजी थी। सोचा कि इसी में नया काम शुरू हो जाएगा, लेकिन ई-रिक्शा के मोटर-व्हीकल एक्ट में आ जाने की वजह से इतनी रकम तो कागजी औपचारिकताएं पूरी करने में ही खर्च हो गईं। तब बैंक से कर्ज लेकर दादानगर में किराए की जमीन लेकर ई-रिक्शा कंपनी शुरू की। कारोबार धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगा। इस फैक्ट्री में उन्होंने 85 कर्मचारियों को रोजगार दे रखा है।

अब कारोबार को विस्तार देने के लिए कदम उठा रहे हैं 
कारोबारी रामगोपाल दुबे बताते हैं कि अब वह अपने कारोबार को और ज्यादा बढ़ाना चाहते हैं, इसलिए कानपुर से हटाकर अपनी फैक्ट्री लखनऊ में शुरू कर दी है। वहां एक परिचित की भूमि मुफ्त में मिल गई है। अभी उन्होंने ई-रिक्शा का नया लग्जरी मॉडल तैयार किया है। उसके अप्रूवल की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा जल्द ही सोलर रिक्शा लॉन्च करने जा रहे हैं, जो कि चलते-चलते ही चार्ज हो जाएगा।

रामगोपाल दुबे कहते हैं कि, 'अगर मुझे नौकरी मिल जाती तो शायद अपना कारोबार खड़ा करने की सोचता ही नहीं। युवाओं को अच्छी नौकरी के साथ ही स्वरोजगार के विकल्प को भी जेहन में रखना चाहिए। इससे आप न सिर्फ खुद अपने पैरों पर खड़े होते हैं, बल्कि दूसरे बेरोजगारों को भी काम दे सकते हैं। '

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