एमबीबीएस छात्रों को परीक्षा देने के लिए करना होगा इंतजार, सीएसजेएमयू की लापरवाही से परीक्षाएं स्थगित
शासन ने 31 जनवरी तक हर हाल में पूरा कराने का दिया था मेडिकल कॉलेज को निर्देश। 1 राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण देने के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेजों में ईडब्ल्यूएस कोटे से एमबीबीएस की 10 फीसद सीटें बढ़ाई थीं।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना संकट काल में चिकित्सकों और चिकित्सकीय संस्थानों की अहमियत बढ़ गई है। इसके बाद भी छत्रपति शाहूजी विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) प्रशासन जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हर कार्यों को दरकिनार कर रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही से मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की 19 जनवरी को होने वाली परीक्षाएं तक टालनी पड़ गईं। विश्वविद्यालय से मेडिकल छात्रों की सूची ही अपलोड नहीं गई। कॉलेज प्रशासन ने मामले से शासन को अवगत कराया है। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन को भी पत्र लिखकर एतराज जताया है। अब 22 जनवरी को कोरोना का टीका लगना है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसी दिन बैठक बुलाई है।
जीएसवीएम में प्रदेश में सर्वाधिक 60 सीटें बढ़ाई गईं थीं
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 190 सीटें थीं। राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण देने के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेजों में ईडब्ल्यूएस (इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन) कोटे से एमबीबीएस की 10 फीसद सीटें बढ़ाई थीं। इसके तहत जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में प्रदेश में सर्वाधिक 60 सीटें बढ़ाई गईं थीं। यहां एमबीबीएस की 250 सीटें हो गई थीं। शासन के निर्देश पर बढ़ी सीटों पर वर्ष 2019 में एडमिशन भी हो गए। कोरोना महामारी के कहर के चलते सीएसजेएमयू से बढ़ी सीटों पर संबद्धता नहीं मिल सकी। कोविड नियंत्रित होने पर शासन ने शैक्षणिक गतिविधियां शुरू करने के निर्देश दिए। विश्वविद्यालय से बढ़ी सीटों पर संबद्धता लेकर एमबीबीएस प्रथम वर्ष के प्रैक्टिकल एवं 31 जनवरी तक परीक्षाएं कराने का निर्देश दिया। कॉलेज प्रशासन ने औपचारिकताएं पूरी कर एमबीबीएस परीक्षा की तारीख 19 जनवरी घोषित कर दी ताकि समय से परीक्षाएं कराई जा सकें।
लिपिक छुट्टी पर, सूची अपलोड नहीं
विश्वविद्यालय में मेडिकल कॉलेज का पटल देखने वाला लिपिक छुट्टी पर चला गया। इस वजह से एमबीबीएस की बढ़ी सीटों की सूची अपलोड नहीं हो सकी। इस वजह से 19 जनवरी को होने वाली परीक्षाएं टालनी पड़ गईं।
इनकी भी सुनिए
- विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही से एमबीबीएस प्रथम वर्ष की परीक्षाएं तय शेड्यूल से नहीं हो सकीं। 19 जनवरी को परीक्षा तिथि टालनी पड़ी, इससे शासन को अवगत करा दिया गया है। अब 22 जनवरी को वैक्सीनेशन होना है और इसी दिन विश्वविद्यालय ने भी बैठक बुला रखी है। ऐसा लगता है विश्वविद्यालय प्रशासन कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर संजीदा ही नहीं है। - प्रो. आरबी कमल, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।
- एमबीबीएस की बढ़ी हुई सीटों की मान्यता नहीं है। इस विषय पर बैठक होनी है। परीक्षा कराने के लिए विश्वविद्यालय तैयार है। - डॉ. अनिल कुमार यादव, कुलसचिव सीएसजेएमयू