आइआइटी का गणित हल करेगा यूपी पुलिस के सवाल, इस तरह आसान होगी अपराधियों की पकड़
एडीजी टेक्निकल सर्विसेज ने मैथेमेटिक्स विभाग के प्रोफेसर से की मुलाकात।
कानपुर, [शशांक शेखर भारद्वाज]। आपराधिक घटनाओं से जुड़े सवाल हमेशा से पुलिस के जटिल रहे हैं। खास तौर पर तब, जब अपराध के तरीके तेजी से बदल रहे हैं, अपराधी हाईटेक हो रहे हैं। उनका तकनीकी ज्ञान पुलिस को उलझा देता है। उत्तर प्रदेश पुलिस इनसे निपटने के लिए आइआइटी कानपुर से समझौता करने जा रही है। आइआइटी के गणित से अब पुलिस अपराधों के सवाल हल करेगी। आइआइटी डेटा एनालिसिस (विश्लेषण) के लिए ऐसा मॉडल बना रहा है, जिससे अपराधियों के छुपने, फरार होने, उनके साथियों, किस तरह से घटना अंजाम दी गई, इसकी संभावनाओं की 90 फीसद तक जानकारी मिल जाएगी। मैथमेटिक्स डिपार्टमेंट को यह मॉडल तैयार करने का जिम्मा मिला है।
एडीजी की निदेशक से हुई बातचीत
पिछले महीने एडीजी टेक्निकल सर्विसेज आशुतोष पांडेय ने आइआइटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर से मुलाकात की। एडीजी ने लखनऊ में बन रहे रीजनल डाटा एनालिसिस सेंटर को तकनीकी रूप से और अधिक मजबूत करने की बात कही, जिस पर उनका मैथमेटिक डिपार्टमेंट के प्रो. शलभ से संपर्क कराया गया। प्रो. शलभ ने मैथमेटिकल मॉडल और उससे अपराध रोकने और अपराधियों की आसान तरह से जानकारी देने के तरीके बताए। मॉडल का प्रस्तुतीकरण हुआ।
उप्र पुलिस के संग होगा एमओयू साइन
मॉडल विकसित करने में उप्र पुलिस और आइआइटी के बीच एमओयू साइन होगा। संस्थान से विशेषज्ञ रीजनल सेंटर जाएंगे, जबकि पुलिस के अधिकारियों को आइआइटी में प्रशिक्षण दिया जाएगा। डीजीपी और निदेशक के बीच साइबर सिक्योरिटी को लेकर भी बातचीत चल रही है। आइआइटी कानपुर के मैथमेटिक्स डिपार्टमेंट के प्रो. शलभ का कहना है कि गणितीय और सांख्यिकी मॉडलिंग की सहायता से बीमारी, प्रदूषण, तापमान, जनसंख्या, वोटिंग, चोरी, हादसे, भूकंप समेत अन्य घटनाओं का सटीक आकलन किया जा सकता है। अपराधियों के बारे में सटीक जानकारी मिल जाएगी। एडीजी टेक्निकल सर्विसेज, उप्र पुलिस आशुतोष पांडेय ने बताया कि डाटा एनालिसिस रीजन सेंटर और सीसीटीएनएस को तकनीकी रूप से और अधिक मजबूत करने के लिए आइआइटी से बात हुई है। जल्द ही एमओयू साइन किया जाएगा। आइआइटी ने मैथमेटिकल मॉडलिंग पर काफी काम किया है। पुलिस को मदद मिलेगी।
इस तरह लगाया जाएगा आंकलन
- पुलिस मोबाइल डाटा टॉवर लोकेशन का इस्तेमाल करके घटना का खुलासा करती है। उसका संकलन करने में लंबा समय लगता है। आइआइटी के मॉडल की सहायता से चंद मिनटों में नतीजे आ जाएंगे।
- चोरी, लूट, डकैती की घटनाओं में पुराने शातिरों और गैंग की जल्द ही लोकेशन ट्रेस हो जाएगी। उनका आकलन किया जा सकेगा।
- पकड़े गए अपराधी का क्राइम रिकार्ड, उसका किसी अन्य घटना में आरोपित होने की जानकारी मिल सकेगी।
- पुलिसकर्मियों के पास तुरंत ही मैसेज पहुंच सकेगा। उनको तत्काल नतीजों की सूचना भेजी जाएगी।