किडनी कांड : गिरोह ने आइएएस की पत्नी समेत कई ओहदेदार लोगों का कराया था ट्रांसप्लांट
वर्ष 2015 में दिल्ली के बड़े अस्पताल में ऑपरेशन हुआ था गौरव कई हाईप्रोफाइल लोगों से संबंध रखता था।
कानपुर, जेएनएन। किडनी कांड में नामजद मूलरूप से मौदहा हमीरपुर निवासी आरोपित मोहम्मद गुलाम जुनैद अहमद ने वर्ष 2015 में आजगमढ़ के एक आइएएस अधिकारी की पत्नी का ट्रांसप्लांट कराया था। ऑपरेशन दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में हुआ था, इसमें गौरव मिश्र की भूमिका भी अहम थी।
महिला को लखनऊ कैंपबेल रोड निवासी रोहित निगम की किडनी ट्रांसप्लांट की गई थी। डोनर रोहित की गौरव मिश्र से मुलाकात जुनैद ने ही कराई थी। जुनैद के मुताबिक आइएएस अधिकारी का बेटा भी आइएएस अफसर था। गिरफ्तार जुनैद ने बताया कि गौरव मिश्र के माध्यम से उसकी मुलाकात कानपुर में कर्रही बर्रा निवासी संजय पाल से हुई थी। उसने ही संजय पाल की पत्नी दुर्गा और उसके साले आशू उर्फ सत्यप्रकाश की किडनी डोनेट कराई थी। जुनैद ने बताया कि गौरव के ङ्क्षलक हाईप्रोफाइल लोगों से थे। इसके चलते उसके अधिकांश ट्रांसप्लांट बड़े और ओहदेदार लोगों के ही कराए हैं। उत्तराखंड के विधायक के भाई का ट्रांसप्लांट भी गौरव ने ही कराया था। वह उसका आखिरी ट्रांसप्लांट था।
दारोगा का भी कराया था ट्रांसप्लांट
जुनैद अहमद ने साथी गौरव मिश्र के साथ मिलकर वर्ष 2013 में आजमगढ़ निवासी दारोगा एचएन ङ्क्षसह की किडनी ट्रांसप्लांट कराई थी। दारोगा को किडनी पनकी के राहुल ने डोनेट की थी। राहुल से गौरव की मुलाकात जुनैद ने कराई थी। उसके बाद जालंधर कांड होने के चलते गौरव अंडरग्राउंड हो गया। इसे बाद से उन लोगों का राहुल से संपर्क टूट गया। 2016 में एचएन ङ्क्षसह की मौत हो गई थी।
2014 में कराया था पहला ट्रांसप्लांट
जुनैद ने स्वतंत्र रूप से पहला ट्रांसप्लांट 2014 में जालंधर के एक अस्पताल में सुनील कौल का कराया था। जिसमें डोनर लखनऊ निवासी जरदोजी का काम करने वाले (कपड़ों की कढ़ाई) राजा उर्फ मोहम्मद उमर था। राजा ने 3.30 लाख रुपये लेने के बाद सुनील कौल का बेटा गोङ्क्षवदा कौल बनकर किडनी डोनेट की थी। इसके बाद राजा भी डोनर प्रोवाइडर गिरोह का सक्रिय सदस्य बन गया था। आरोपित राजा लखनऊ चौक में त्रिवेदी मिष्ठान भंडार के मालिक की वर्ष 2016 में गोली मरकर हत्या के मामले में जेल गया था। अक्टूबर 2018 में जेल से छूटने के बाद फिर से इसी कारोबार में लग गया था।
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