कानपुर में कोरोना की वजह से फंसे विवाह के ऑर्डर, कारोबारियों के सामने ये समस्या
यह सहालग का समय है। पिछले वर्ष कोरोना की वजह से गर्मी की सहालग में लोग बुरी तरह परेशान हुए थे। इस बार जब विवाह तय किए गए थे। उस समय तक कोरोना का बहुत अधिक प्रभाव नहीं था। गॢमयों में वैवाहिक समारोह ज्यादा होते हैं
कानपुर, जेएनएन। कोरोना कफ्र्यू के दिन लगातार बढ़ते चले जाने से विवाह के ऑर्डर फंसने लगे हैं। ये विवाह के मौके पर सोने के जेवर के ऑर्डर के साथ ही बनवाने के लिए दिए गए कपड़ों के ऑर्डर हैं। दुकानें बंद हैं और जो सामान है वह भी दुकानों में बंद है। इन स्थितियों को लेकर सिर्फ वर-वधू पक्ष के लोग ही परेशान नहीं हैं, जिनका यहां सामान फंसा हुआ है वे भी किसी तरह समय से पहले सामान देना चाहते हैं, लेकिन फिलहाल रास्ता समझ में नहीं आ रहा है।
यह सहालग का समय है। पिछले वर्ष कोरोना की वजह से गर्मी की सहालग में लोग बुरी तरह परेशान हुए थे। इस बार जब विवाह तय किए गए थे। उस समय तक कोरोना का बहुत अधिक प्रभाव नहीं था। गॢमयों में वैवाहिक समारोह ज्यादा होते हैं, इस वजह से तमाम सराफा कारोबारियों के पास दुल्हन के जेवर के ऑर्डर पड़े हुए थे जिन्हेंं उन्हेंं समय से डिलीवर करना था। इसके साथ ही लहंगा, सलवार सूट, ब्लाउज, फाल लगाने आदि के लिए कपड़े दुकानों में ही पड़े हुए हैं।
साडिय़ां बेचने के बाद उनकी फिनिशिंग के लिए भेजा गया था। कारोबारी आराम से कार्य कर रहे थे कि शनिवार और रविवार के बाद सोमवार को तो बाजार खुल ही जाएंगे। तब डिलीवरी दे दी जाएगी, लेकिन पहले सोमवार, फिर बुधवार तक और अब रविवार तक के कोरोना कफ्र्यू की वजह से ग्राहक को समय से डिलीवरी देना मुश्किल हो गई है। जिन दुकानों में कपड़े फंसे हैं, इसलिए जो साड़ी चरक या फिनिशिंग के लिए भेजी गई हैं, वे भी जब उस कारीगर की दुकान खुलेगी तभी मिल सकती हैं। इस बीच में जिनकी शादी फंस गई है, उनके लिए संकट हो गया है।
नौघड़ा कपड़ा कमेटी के अध्यक्ष शेष नारायण त्रिवेदी के मुताबिक बहुत से ऐसे कारोबारी हैं जिन्होंने शुक्रवार तक साड़ी और लहंगे फिनिशिंग के लिए भेजे थे। मंगलवार को इन्हेंं देने की बात भी हुई थी लेकिन अब रविवार तक के कफ्र्यू की वजह से समस्या आ गई है। टेलरिंग का काम करने वाले संतोष के मुताबिक दुकान में कपड़े पड़े हैं। मशीनें भी वहीं लगी हैं। ऐसे दुकान खोलकर काम भी नहीं कर सकते। ग्राहक भी फोन कर रहे हैं।