अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर सुप्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने कही ये बात Kanpur News
मालिनी अवस्थी बोलीं अब जिम्मेदारी हमारी कि कश्मीर और कश्मीरियत को अपना बनाएं।
कानपुर, जेएनएन। सुप्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से देश ने सोमवार को ही आजादी का जश्न मना लिया।
गर्व का अनुभव कर रहा हर हिंदुस्तानी
मालिनी अवस्थी ने कहा कि उन्हें और उनकी पीढ़ी के अधिकांश लोग मान बैठे थे कि कश्मीर विवाद का हल उनके जीवन काल में नहीं हो सकेगा। मगर, केंद्र सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाकर बड़ा फैसला लिया। आज हर हिंदुस्तानी गर्व व सौभाग्य का अनुभव कर रहा है। पूर्व की सरकारों ने कश्मीर को विवाद का केंद्र बनाया, लेकिन अब यहां विकास के लिए दरवाजे खुल गए हैं। अब जिम्मेदारी हमारी है कि आगे बढ़कर कश्मीर और कश्मीरियत को अपनाएं, ताकि उन्हें भी भारतीय होने पर गर्व की अनुभूति हो सके।
भुलाया जा रहा बेटियों का उत्सव
प्रदेश में लोकगीतों की स्थिति के सवाल पर मालिनी अवस्थी ने कहा कि लोकगीत भारतीय संस्कृति का हिस्सा हैं। अब लोकगीतों का भविष्य सुरक्षित है, लेकिन अभी इसमें निहित सामाजिक संदेश का प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है। इसके लिए जरूरी है संयुक्त परिवार। सोमवार को नागपंचमी मनाई गई, जिसे गुडिय़ा के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यह बेटियों का उत्सव है, जिसे धीरे-धीरे भुला दिया गया है। संयुक्त परिवार होंगे तो यह सब दोबारा शुरू होगा।
कानपुर में होता अपनापन का अहसास
राजनीति में जाने के सवाल पर मालिनी बोलीं कि एक कलाकार के रूप में देश के मुद्दों पर रुचि है, लेकिन राजनीति में जाने का इरादा नहीं है। उन्होंने बताया कि कानपुर से उनका गहरा नाता है। जब कन्नौज में उनका जन्म हुआ, उस समय उनके पिता कानपुर के केपीएम अस्पताल में तैनात थे। ऐसे में शुरुआती दिनों में वह कानपुर में रहीं, इसलिए यहां आकर उन्हें अपनापन का अहसास होता है।
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