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आइपीएल : एसटीएफ ने बुकी समेत आठ सट्टेबाज पकड़े, विदेशी मुद्रा भी बरामद

सरगना जीतू के तार दुबई समेत कई राज्यों से जुड़े हैं।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 12:07 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 07:05 PM (IST)
आइपीएल : एसटीएफ ने बुकी समेत आठ सट्टेबाज पकड़े, विदेशी मुद्रा भी बरामद
आइपीएल : एसटीएफ ने बुकी समेत आठ सट्टेबाज पकड़े, विदेशी मुद्रा भी बरामद
कानपुर, जेएनएन। आइपीएल में लाखों करोड़ों का सट्टा लगवाने वालों पर एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स)ने शिकंजा कसा है। लखनऊ एसटीएफ की टीम ने कानपुर व वाराणसी में छापा मारकर सरगना समेत आठ सट्टेबाजों को पकड़ा है। सट्टेबाजों के पास से लाखों रुपये, विदेशी मुद्रा, मोबाइल फोन व लैपटॉप समेत काफी सामान भी बरामद किया है। सट्टेबाजों से जुड़े साथियों की तलाश शुरू कर दी है। 
कानपुर में पकड़ा गया मास्टर माइंड
लखनऊ एसटीएफ के डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार शुक्ला को आइपीएल शुरू होने के बाद ही प्रदेश में बड़े पैमाने पर सïट्टेबाजी होने की सूचना मिली थी। सर्विलांस के साथ ही मुखबिर की मदद से टीम ने सटोरियों को ट्रेस किया तो पांच की लोकेशन कानपुर के बर्रा और नौबस्ता में मिली। डिप्टी एसपी ने कानपुर यूनिट के इंस्पेक्टर घनश्याम यादव व जिला पुलिस को साथ लेकर मंगलवार आधी रात बर्रा-2 जेड वन ब्लॉक और नौबस्ता में एक साथ छापा मारा। बर्रा से मास्टर माइंड मुख्य बुकी जितेंद्र शिवहरे उर्फ जीतू व फतेहपुर के हिमांशु को पकड़ा गया।
नौबस्ता वाई ब्लॉक किदवई नगर से जीतू के साले थरियांव फतेहपुर निवासी केमिकल इंजीनियर आशीष शिवहरे, उसका मौसेरा भाई बीएससी द्वितीय वर्ष के छात्र नरौनी फतेहपुर निवासी मोहित शिवहरे और चालक शांतिनगर फतेहपुर निवासी बीए पास सुमित उर्फ विवेक को गिरफ्तार किया गया। इस बीच वाराणसी का बुकी अजय प्रताप ङ्क्षसह मौका पाकर आशीष की कार लेकर भागने में कामयाब रहा। 
375 दिरहम व दो कांफ्रेंसिंग डिवाइस भी मिलीं
एसटीएफ टीम ने 2.75 लाख रुपये, पांच लैपटॉप, तीन स्मार्ट टीवी, वाइफाइ राउटर, 30 मोबाइल फोन, 375 दिरहम, अटैचीनुमा दो कांफ्रेंसिंग डिवाइस समेत अन्य उपकरण बरामद किए। जीतू की मर्सिडीज कार और बनारस के बुकी अजय प्रताप की फाच्यूर्नर कार भी कब्जे में ले ली। डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार ने बताया कि जितेंद्र उर्फ जीतू ही मुख्य बुकी और गिरोह का सरगना है। वह मूलरूप से शांतिनगर फतेहपुर का रहने वाला है। फरार आरोपित व मुंबई के माफिया को पकडऩे के लिए बनारस व मुंबई पुलिस से भी संपर्क किया जा रहा है। 
सट्टेबाज लगाते थे ऑनलाइन सट्टा
एसटीएफ के मुताबिक सटोरियों ने मोबाइल फोन पर ऑरेंज नाम का एप डाउनलोड कर रखा था। इस एप पर सभी ने अपनी आइडी बनाई थी और बुकी इसी एप पर एक दूसरे से कनेक्ट रहते हैं। मैच के दौरान एप पर ही सïट्टा लगाया जाता था। वहीं इलेक्ट्रॉनिक बेटिंग बॉक्स का इस्तेमाल किया जाता था। इस बॉक्स के जरिए बुकी एक दूसरे से सीधे संपर्क में रहते थे। एक साथ 20-20 नंबरों पर बात होती थी। इसमें एक माइक व रिकॉर्डर लगा होता है, जिससे बातचीत को रिकार्ड किया जाता था। रिजल्ट आने पर उसी रिकॉर्डिंग के आधार पर पैसों का लेनदेन होता था। 
पूरे देश में फैले सरगना जीतू के तार
गिरफ्तार जीतू के तार रायपुर, अजमेर, जयपुर, मुंबई, दिल्ली व दुबई में फैले हैं। छापेमारी के दौरान जीतू मुंबई के सट्टा माफिया से बात कर रहा था। उसने एसटीएफ को उसका नाम बताया है। एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि वर्ष 1997 में जीतू दुबई भी गया था और 2005 तक वहां रहकर गोल्ड ट्रेङ्क्षडग का कारोबार करता था। सट्टे की रकम से जीतू ने लखनऊ में पार्टनरशिप में पेट्रोल पंप खोला। मुंबई के अंधेरी लोखंडवाड़ा में फ्लैट और फतेहपुर में मकान व एक फ्लैट खरीदा है। जीतू अपनी मर्सिडीज कार में प्रेस लिखकर रौब भी गांठता था। 
टीवी रिपोर्टर बताता था फरार बुकी
मौके से फरार अजय बनारस में एक टीवी चैनल का रिपोर्टर बताता था। पकड़े गए हिमांशु, मोहित और सुमित ने बताया कि पढ़ाई के बाद बेरोजगार होने के चलते वे आशीष के लिए काम करने लगे थे। 20 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता था। एसटीएफ की टीम फरार अजय की तलाश में जुटी है। सीओ ने नौबस्ता में तो इंस्पेक्टर ने बर्रा थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। 
वाराणसी में भी तीन को पकड़ा
कानपुर में छापे के दौरान भागे बुकी की तलाश में एसटीएफ टीम वाराणसी पहुंची। यहां पर छापा मारकर सट्टेबाजों के गिरोह से जुड़े अशोक सिंह, सुनील पाल व विक्की खान को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से 27.75 लाख रुपये व कई मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। 

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