सूरज का 'गुस्सा' देख 'तमतमाई' बीमारियां
सूरज की तल्खी व उमस भरी गर्मी में बीमारियां भी कहर बरपा रही हैं। एलएलआर (हैलट) और उर्सला अस्पताल की ओपीडी में मंगलवार को मरीजों की इतनी भीड़ थी कि वहां पैर रखना तक मुश्किल था। डॉक्टरों के मुताबिक उल्टी-दस्त, डायरिया, बुखार, पीलिया, पेट में संक्रमण के मरीज अधिक आ रहे हैं। एलएलआर में डायरिया के नौ और उर्सला में चार गंभीर मरीज भर्ती हुए।
जागरण संवाददाता, कानपुर : सूरज की तल्खी व उमस भरी गर्मी में बीमारियां भी कहर बरपा रही हैं। एलएलआर (हैलट) और उर्सला अस्पताल की ओपीडी में मंगलवार को मरीजों की इतनी भीड़ थी कि वहां पैर रखना तक मुश्किल था। डॉक्टरों के मुताबिक उल्टी-दस्त, डायरिया, बुखार, पीलिया, पेट में संक्रमण के मरीज अधिक आ रहे हैं। एलएलआर में डायरिया के नौ और उर्सला में चार गंभीर मरीज भर्ती हुए।
एलएलआर अस्पताल की ओपीडी में अपराह्न दो बजे तक तीन हजार से अधिक पंजीकरण हुए, जबकि 1200 पुराने मरीज भी आए। इसमें सर्वाधिक 865 मरीज मेडिसिन ओपीडी में देखे गए। ओपीडी में डॉ. कुनाल सहाय एवं डॉ. एसके गौतम ने बताया कि शुगर और हार्ट के ऐसे मरीज आए जिन्हें डिहाइड्रेशन की समस्या थी। ऐसे मरीजों को जो दवाएं चलती हैं, उससे यूरीन अधिक होती है। गर्मी में पसीना अधिक आने से उन्हें डिहाइड्रेशन हो रहा है। दोनों डाक्टरों के अंडर में नौ मरीज भर्ती हुए। उधर, उर्सला ओपीडी में भी मरीजों का तांता लगा रहा। दो बजे तक ओपीडी में 1365 मरीजों के पर्चे बने थे। मेडिसिन के डॉ. अनिल निगम व डॉ. गौतम जैन ने बताया कि गैस्ट्रो, डायरिया व बुखार के मरीज अधिक आए। शाम तक उनके अंडर में उल्टी-दस्त के दो-दो मरीज भर्ती हुए।
फंगल इंफेक्शन के मरीज बढ़े
उमस भरी गर्मी में फंगल इंफेक्शन की समस्या लेकर लोग एलएलआर अस्पताल की चर्म रोग ओपीडी पहुंच रहे हैं। चर्म रोग के विभागाध्यक्ष डॉ. डीपी शिवहरे ने बताया कि मंगलवार को 413 मरीज आए। इसमें सर्वाधिक फंगल इंफेक्शन के थे, पसीने की वजह से समस्या हो रही है।
बीमा अस्पताल में बढ़े मरीज
पांडु नगर बीमा अस्पताल में भी मरीज बढ़ गए हैं। मंगलवार को 250 मरीज आए। उनमें से अधिकतर को उल्टी-दस्त एवं चक्कर की शिकायत रही।
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ऐसे करें बचाव
- कड़ी धूप में निकलने से बचें।
- बहुत जरूरी होने पर निकलें।
- सूती कपड़े पहनें।
- पानी की बोतल साथ लेकर चलें।
- शुद्ध पानी का सेवन करें।
- ताजा भोजन करें।
- स्वयं की सफाई पर ध्यान दें।
-डिहाइड्रेशन से बचाने को ग्लूकोज, नींबू-पानी और ओआरएस का घोल पिलाते रहें।
- कटे-फटे फल न खाएं।
- बाहर की खुले में बिक रही चीजें न खाएं।