Lockdown-2.0: Google Map की मदद लेकर चल रहे प्रवासी मजदूरों ने पार की गंगा, उन्नाव में पकड़े गए
महाराष्ट्र के नासिक से आ रहे मजदूर गोंड व बस्ती जाते समय महाराजपुर सीमा से गंगा नदी पार की।
कानपुर, जेएनएन। लॉकडाउन में सड़कों पर बैरियर और जिलों की सीमा सील होने के बावजूद अन्य राज्यों से आ रहे प्रवासी मजदूर अपने घर पहुंचने की जद्दोजहद में जुटे हैं। मोबाइल फोन पर गूगल मैप की मदद से पुलिस को चकमा देकर जंगलों के रास्ते खेत खलिहान और नदियां पार कर रहे हैं। रविवार दोपहर महाराष्ट्र के नासिक से आ रहे गोंडा व बस्ती के मजदूर महाराजपुर में कटरी से गंगा पार कर उन्नाव जा पहुंचे। बारासगवर पुलिस ने उन्हें पकड़कर वापस महाराजपुर में डोमनपुर पुल के पास छोड़ दिया।
नासिक में काम करने वाले 35 मजदूर दोपहर को कटरी से नाव के जरिए गंगा नदी पार कर उन्नाव सीमा में जा पहुंचे। बारासगवर पुलिस ने पीठ पर बैग लादकर खेतों से होकर जा रहे मजदूरों को रोक लिया और वापस डोमनपुर में गंगा पुल पर छोड़ दिया। गोंडा निवासी शिवा, संदीप, अन्नू, डब्लू, राकेश और बस्ती निवासी रमेश, आनंद, जोगिंदर आदि ने बताया कि सभी नासिक से ट्रक से आए हैं।
चालक ने जाजमऊ पुल के पहले उतार दिया। कानपुर-उन्नाव सीमा सील थी। रामादेवी जाते तो फंस जाते, इसलिए गूगल मैप की मदद ली। महाराजपुर गए और फिर जंगल व खेतों से होते हुए गंगा नदी पार की। 30 किमी. चलने के बाद बारासगवर पुलिस ने पकड़ लिया। महाराजपुर थाना पुलिस ने उन्हें वहीं रोककर खाना दिया। थाना प्रभारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि मजदूरों को आसपास के स्कूलों में ठहराया जा रहा है।
प्रवासियों को छोड़ने पर दो जिलों की पुलिस में नोकझोंक
नदी पार कर उन्नाव गए गोंडा-बस्ती के प्रवासी मजदूरों को वापस डोमनपुर में छोड़ने पर महाराजपुर पुलिस की बारासगवर (उन्नाव) पुलिस से नोकझोंक हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक नासिक से आए 35 मजदूरों को पकड़कर उन्नाव पुलिस दोपहर बाद महाराजपुर सीमा में डोमनपुर पुल के किनारे पहुंची। तभी पुरवामीर चौकी पुलिस ने विरोध जताया। इस पर कहासुनी हो गई। थाना प्रभारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि नोकझोंक नहीं हुई। अधिकारियों को जानकारी देकर मजदूरों को भोजन दिया गया और शेल्टर होम में रखा गया है।