Move to Jagran APP

12 घंटे विलंब आया एलएमओ टैंकर,अफसरों की सासें फूलीं

हैलट अस्पताल में सोमवार की सुबह लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन लेट से पहुंचने से अफसरों की सांसे फूलने लगीं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Apr 2021 02:15 AM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 02:15 AM (IST)
12 घंटे विलंब आया एलएमओ टैंकर,अफसरों की सासें फूलीं
12 घंटे विलंब आया एलएमओ टैंकर,अफसरों की सासें फूलीं

जागरण संवाददाता, कानपुर : हैलट अस्पताल में सोमवार की सुबह लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की कुछ घंटे की और देरी खतरनाक साबित हो सकती थी। यहां जंबो सिलिंडर का स्टॉक सीमित बचा हुआ था, जबकि ऑक्सीजन बहुत तेजी से खर्च हो रही थी। इसका पता चलने पर अधिकारियों की सांसे फूल गईं। जिला प्रशासन और ऑक्सीजन कंपनियों से तुरंत मदद मांगी गई। इस बीच रात भर स्टाफ ने जागकर न्यूरो साइंस कोविड अस्पताल, मैटरनिटी विग, इमरजेंसी, बाल रोग चिकित्सालय में ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई। सुबह नौ बजे टैंकर आया तो सभी ने राहत की सांस ली।

loksabha election banner

कोविड के संक्रमित मरीज न्यूरो साइंस कोविड अस्पताल और मैटरनिटी विग में भर्ती हैं। दोनों जगह मिलाकर करीब 200 रोगियों का इलाज चल रहा है। करीब 80 अत्याधिक गंभीर रोगी वेंटीलेटर पर हैं। इसके आलावा वार्ड नंबर एक, दो, तीन और चार में लगभग 150 कोरोना संक्रमित और उस जैसे लक्षण वाले रोगियों का इलाज चल रहा है। वार्ड नंबर, सात, नौ, 10, 11, 12, 14, 15 और 16 में भी काफी संख्या में संभावित रोगी भर्ती हैं। इमरजेंसी भी फुल चल रही है। न्यूरो कोविड अस्पताल, बाल रोग चिकिल्सालय और इमरजेंसी में एलएमओ के अलग अलग प्लांट लगे हैं। मैटरनिटी कोविड विग में सेंट्रल गैस लाइन है। इसकी सप्लाई जंबो सिलिंडरों से होती है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ गई है। अस्पताल में एलएमओ का टैंकर हर दिन आने लगा है। रविवार की रात को टैंकर रात नौ बजे आना था, लेकिन रायबरेली स्थित कटरा के पास टैंकर जाम में फंस गया। यह सुबह नौ बजे अस्पताल पहुंच सका। रात में तीनों टैंकरों में ऑक्सीजन बची हुई थी, लेकिन जंबो सिलिडरों को लगाकर बैकअप दिया गया। रात भर में तीनों प्लांट मिलाकर 250 से अधिक सिलिडर लग गए। अस्पताल के लेखाधिकारी सुनील वाजपेयी , स्टोर कीपर रेहान अख्तर, चतुर्थ श्रेणी कर्मी संजय ने रात भर जागकर आपूर्ति कराई। प्रमुख अधीक्षक डॉ. ज्योति सक्सेना ने बताया कि किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई है। जंबो सिलिडरों का पर्याप्त स्टॉक था। एलएमओ की और देरी से नुकसान हो सकता था।

-----------------

ऑक्सीजन का प्रेशर हुआ कम

दोपहर ढाई बजे वार्ड नंबर दो, तीन और चार में ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर कम हो गया। तकनीशियनों ने तुरंत जाकर व्यवस्था संभाली। किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई।

-----------------

सिलिंडर के लिए पड़ा भटकना

उर्सला और हैलट अस्पताल में छोटे सिलिंडरों की किल्लत बनी हुई है। तीमारदारों को अपने मरीज को भर्ती कराने के लिए भटकना पड़ता है। सोमवार की दोपहर में रावतपुर के 55 वर्षीय श्याम कुमार को सांस लेने में दिक्कत हुई। उनकी बेटी मीना और पत्नी उन्हें लेकर हैलट अस्पताल की इमरजेंसी लेकर आईं। स्ट्रेचर पर ही उनकी सांसें उखड़ गईं। उन्नाव के अकरमपुर गांव के 80 साल के बद्री विशाल तेजी से हांफ रहे थे। उनके बेटे पंकज ने छोटे सिलिडर के लिए इधर उधर प्रयास किया, लेकिन उन्हें नहीं मिल सका। आखिर में वह अपने पिता को लेकर कहीं और चले गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.