अवैध वेंड¨रग से खतरे में रेल यात्रियों की जान
जागरण संवाददाता, कानपुर : कानपुर दौरे पर आए एसपी जीआरपी ने एसी कोच में आपराधिक घटनाओं
जागरण संवाददाता, कानपुर : कानपुर दौरे पर आए एसपी जीआरपी ने एसी कोच में आपराधिक घटनाओं के लिए रेल स्टॉफ को जिम्मेदार ठहराया था, लेकिन इसके साथ ही असली समस्या अवैध वेंड¨रग है। आरपीएफ की शह पर ट्रेनों के अंदर चहलकदमी करने वाले अवैध वेंडर न केवल वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, बल्कि वे गिरोहों के लिए रेकी का काम भी कर रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों में ट्रेनों के अंदर चोरी की वारदातों की बाढ़ आई है। नवंबर में 18 दिनों के दौरान करीब दर्जन भर घटनाएं हो चुकी हैं। एक अनुमान के मुताबिक पनकी से लेकर लखनऊ तक ट्रेनों में सौ से अधिक अवैध वेंडर सफर करते हैं। इनमें बड़ी संख्या ऐसी है जो कि आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं। सामान बेचने के बहाने ऐसे वेंडर मौका मिलते ही यात्रियों का माल पार कर देते हैं। कई बार यह रेकी का काम भी करते हैं और यात्रियों की सूचनाएं ट्रेनों में चलने वाले अपराधियों के गिरोह तक पहुंचाते हैं। रनिंग ट्रेन के अलावा आउटर पर अवैध वेंडरों का जोर है।
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11 दिन में दबोचे सिर्फ चार
अवैध वेंड¨रग पर लगाम कसने की जिम्मेदारी आरपीएफ की है, लेकिन आरपीएफ ही इन्हें संजीवनी देती है। जीआरपी का भी सहयोग रहता है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 9 नवंबर से चल रहे अभियान में अब तक केवल चार अवैध वेंडर पकड़े गए हैं।
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लचर है कानून
अवैध वेंड¨रग के खिलाफ कानून बेहद लचर है। रेलवे एक्ट के मुताबिक अवैध वेंड¨रग में पकड़े जाने पर जुर्माना या कैद दोनों हो सकती है। अमूमन 500 रुपये से 3 हजार रुपये तक जुर्माना ही होता है। कुछ ही मामलों में 7 से 15 दिनों की कैद की सजा सुनाई जाती है। इसी वजह से पकड़े जाने क ा डर नहीं होता।
इन्होंने कहा..
अवैध वेंड¨रग समस्या है। इस पर नकेल आरपीएफ को कसनी है। जीआरपी ने भी अभियान चलाया है। इसमें कोई शक नहीं कि अवैध वेंडर ट्रेनों में घटनाओं के जिम्मेदार हैं।
पीके मिश्रा, एसपी जीआरपी