UP Health: गर्भ से बीमारियां लेकर पैदा बच्चों का सुधरेगा जीवन, GSVM में बनेगा बच्चों के लिए अत्याधुनिक सेंटर
यूपी के जीएसवीएम मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में केंद्र सरकार के सहयोग से डिस्ट्रिक अर्ली इंटरवेंशन सेंटर यानी डीईआइसी बनाने की कवायद शुरु हो गई है। यहां गर्भ से बीमारियां लेकर पैदा बच्चों का जीवन सुधरेगा।
कानपुर, [ऋषि दीक्षित]। गर्भ से बीमारियां लेकर पैदा होने वाले बच्चों को समय से इलाज मुहैया कराकर स्वस्थ जीवन प्रदान किया जाएगा। इसके लिए जीएसवीएम मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में केंद्र सरकार के सहयोग से डिस्ट्रिक अर्ली इंटरवेंशन सेंटर यानी डीईआइसी बनाने की कवायद शुरू है। प्राचार्य ने शासन के माध्यम से तीन करोड़ रुपये का प्रस्ताव राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन यानी एनएचएम को भेजा है।
जन्मजात बीमारियों और उससे होने वाली जटिलताओं का होगा इलाज
- इस सेंटर में एक छत के नीचे सभी विधाओं के डाक्टर बच्चों की जन्मजात बीमारियों और उससे होने वाली जटिलताओं का इलाज करेंगे।
- समय से इलाज मुहैया कराकर उन्हें सामान्य जीवन दिया जा सकेगा। मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में शहर के अलावा आसपास के 15-16 जिलों से गंभीर जटिलताओं से पीड़ित बच्चे आते हैं।
- उसमें बड़ी संख्या में जन्मजात बीमारियों और समय से पहले जन्म लेने वाले होते हैं। ऐसे बच्चों के इलाज के लिए आधुनिक सुविधाओं और संसाधन की जरूरत पड़ती है।
- सुविधाएं न होने की वजह से काफी प्रयास करने के बाद भी डाक्टर उन्हें बचा नहीं पाते हैं।
- इन समस्याओं को देखते हुए बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो. यशवंत राव ने प्राचार्य के माध्यम से प्रस्ताव भेजा है, जिसमें तीन करोड़ रुपये से भवन, उपकरण व संसाधन मंगाए जाएंगे। सेंटर के लिए बाल रोग अस्पताल के समीप ही भूमि चिह्नित की गई है।
यह होती हैं जन्मजात जटिलताएं
जन्मजात विकृति, न्यूरो मासकुलर डिसआर्डर, मूक-श्रवण दिव्यांगता, आर्टिज्म, मंदबुद्धि, सेरेब्रल पाल्सी, हाइपर एक्टिव बच्चे, पूर्ण व आंशिक अंधता, जन्मजात रतौंधी, मोतियाबिंद, विटामिन ए की कमी, दिल में छेद, बच्चों के विकास से संबंधी समस्या।बाल रोग विभाग में बड़ी संख्या में जन्मजात बीमारियों से पीड़ित बच्चे इलाज के लिए आते हैं।
उनकी समस्या को देखते हुए डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर बनाने का प्रस्ताव भेजा है। जहां नवजात से लेकर छह वर्ष की उम्र के जन्मजात बीमारियों, जटिलताओं व विकृति से पीड़ित बच्चों का इलाज किया जाएगा। इस सेंटर में बच्चों के इलाज के लिए सभी विधाओं के सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टरों की तैनाती की जाएगी।
प्रो. संजय काला, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज