साढ़ू की हत्या में उम्रकैद
जागरण संवाददाता, कानपुर : छोटे साढ़ू की हत्या में बड़े साढ़ू का अपराध साबित हुआ तो अपर
जागरण संवाददाता, कानपुर : छोटे साढ़ू की हत्या में बड़े साढ़ू का अपराध साबित हुआ तो अपर सत्र न्यायाधीश विष्णु चंद्र वैश्य ने उम्रकैद और 12 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया।
मनीराम बगिया निवासी सुपारी व्यापारी सौरभ गुप्ता की शादी 7 दिसंबर 2009 को हरबंस मोहाल की स्वाती के साथ हुई थी। शासकीय अधिवक्ता राजेश्वर तिवारी ने बताया कि शादी के नौ दिन बाद 16 दिसंबर को साढ़ू नीरज ने फोन कर किसी सुपारी व्यापारी से मिलने के लिए बुलाया था। सौरभ अपने पार्टनर शिवेंद्र को पूरी बात बताकर मिलने गया। दूसरे दिन उसकी लाश इस्कॉन मंदिर स्थित नाले में मिली। रस्सी से गला कसकर उसकी हत्या की गई थी। शादी के नौ दिन बाद हुई इस हत्या की विवेचना एसएसपी के आदेश से सीओ लक्ष्मी निवास मिश्र ने शुरू की। पड़ताल शुरू हुई तो हत्या की परतें खुलती चली गई। फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल की मिट्टी, टायर और जूते के निशान को जांच के लिए भेजा वहीं कॉल रिकार्ड और परिजनों की आशंका के बाद गिरफ्तार साढ़ू के जूते और गाड़ी के टायर में मिली मिट्टी को भी परीक्षण के लिए भेजा। परीक्षण में मिट्टी का मिलान हो गया। शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक पूछताछ में उसने कबूल किया कि साली स्वाती से प्रेम संबंध थे। वह नहीं चाहता था कि उसकी शादी हो। इसलिए कन्नौज निवासी पिंटू के साथ मिलकर हत्या की साजिश अंजाम दी थी। पिंटू ने कोर्ट में सरेंडर किया था, लेकिन साक्ष्य के अभाव में उसे बरी कर दिया गया जबकि नीरज को दोषी पाते हुए न्यायालय ने सजा सुना दी। वह जमानत पर चल रहा था।
तिलक पर ही रच दी थी हत्या की साजिश
साली के प्रेम में फंसे जीजा नीरज ने सौरभ की हत्या की साजिश 15 दिन पहले ही रच दी थी, लेकिन वह इसमे कामयाब नहीं हो सका। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि सौरभ का तिलक 25 नवंबर 2009 को बंधन गेस्ट हाउस में था। पान खिलाने की रस्म के लिए पान नीरज लाया था। तिलक स्वाती के चचेरे भाई सोनू ने चढ़ाया। इसी दौरान सौरभ और सोनू ने एक दूसरे को पान खिलाया तो दोनों की हाल बिगड़ गई। सोनू को केएमसी तो सौरभ को लीलामणि अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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ससुर ने बड़े दामाद के बचाव में दी थी गवाही
सौरभ के ससुर ने नीरज के पक्ष में गवाही दी थी। शासकीय अधिवक्ता ने बताया, उसके कोर्ट में कहा था कि सौरभ के पिता ने पांच लाख रुपये उधार मांगा था। मैने इन्कार किया तो नीरज से दिलाने की बात कही। उसके मना करने पर रंजिशन उसे झूठा फंसाया।