बांदा में अपहरण व दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास, मामा ने भांजी के साथ की थी दरिंदगी
विशेष अभियोजक कमल सिंह गौतम ने बताया कि तिंदवारी थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी नौ वर्षीय बच्ची के पिता ने 28 जून वर्ष 2020 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें बताया था कि उसकी पत्नी अपनी नौ वर्षीय पुत्री के साथ मायके बबेरू कस्बे के एक गांव गई थी।
बांदा, जागरण संवाददाता। नौ वर्षीय भांजी का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश एवं त्वरित न्यायालय प्रथम ऋषि कुमार की अदालत ने दोषी मामा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा करने पर छह माह अतिरिक्त सजा काटनी होगी। जुर्माने की 50 हजार रुपये धनराशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में दी जाएगी।
विशेष अभियोजक कमल सिंह गौतम ने बताया कि तिंदवारी थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी नौ वर्षीय बच्ची के पिता ने 28 जून वर्ष 2020 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें बताया था कि उसकी पत्नी अपनी नौ वर्षीय पुत्री के साथ मायके बबेरू कस्बे के एक गांव गई थी। मुकदमा दर्ज कराने की तिथि को उसको मोबाइल से सूचना दी गई थी। कि उसकी पुत्री ननिहाल गायब है। उसके बाद दूसरी सूचना मिली कि वह जिला अस्पताल में भर्ती है। दोनों माता-पिता जब उसे देखने गए तो पीड़ित बच्ची ने रो-रोकर बताया कि मामा उसे रात में अपनी साइकिल में बैठाकर कुछ दूर आगे तिंदवारी थाना क्षेत्र नहर के किनारे क्योटरा गांव ले गया था। वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद धमकी दिया कि यदि किसी को बताया तो जान से मार दूंगा। मामले का आरोप पत्र अदालत में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से पांच गवाह पेश किए गए। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के अवलोकन व दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें और बहस सुनने के बाद गुरुवार को न्यायाधीश ने दोषी मामा को सजा सुनाई है। जिसमें अपहरण में सात वर्ष की सजा व 20 जुर्माना बोला है। अदा न करने पर तीन माह अतिरिक्त की सजा व दुष्कर्म की धारा में अजीवन कारवास की सजा व 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर तीन माह अतिरिक्त सजा काटनी होगी। दोषी को सजायावी वारंट बनाकर पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।