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कोरोना वैक्सीन : सूची देने पर ही होगा लाइसेंस का नवीनीकरण, निजी अस्पताल संचालक के खिलाफ दर्ज होगी एफआइआर

निजी अस्पतालों को तीन दिन में डॉक्टर-पैरामेडिकल की सूची मुहैया कराने का निर्देश

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 02:10 AM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 02:10 AM (IST)
कोरोना वैक्सीन :  सूची देने पर ही होगा लाइसेंस का नवीनीकरण, निजी अस्पताल संचालक के खिलाफ दर्ज होगी एफआइआर
कोरोना वैक्सीन : सूची देने पर ही होगा लाइसेंस का नवीनीकरण, निजी अस्पताल संचालक के खिलाफ दर्ज होगी एफआइआर

जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रदेश भर में डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को कोरोना की वैक्सीन लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। शासन ने फरमान जारी किया है कि अगर तीन दिन में निजी अस्पताल डॉक्टर, पैरामेडिकल एवं कर्मचारियों की सूची न उपलब्ध कराएं तो उनके अस्पताल एवं नर्सिंगहोम के लाइसेंस का नवीनीकरण 31 दिसंबर के बाद न किया जाए। शासन के आदेश से सीएमओ ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष एवं नर्सिंगहोम एसोसिएशन के अध्यक्ष को अवगत कराया है।

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सीएमओ डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि जिले में 720 निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम हैं। उसमें से अभी तक सिर्फ 325 ने ही अपने यहां के डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की सूची दी है। वहीं, कोरोना की वैक्सीन लगाने के लिए तेजी से कार्य चल रहा है। पहले चरण में डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टॉफ को वैक्सीन लगाई जाएगी। उसके बाद इनके जरिए आमजन का वैक्सीनेशन कराया जाएगा।

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146 अस्पतालों की सूची मिली

सीएमओ डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि सरकारी क्षेत्र के 146 अस्पतालों से सूची मिल चुकी है। सर्वाधिक जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज एवं हैलट के डॉक्टर, पैरामेडिकल एवं कर्मचारी हैं। सभी के डाटा को कंपाइल करा रहे हैं।

निजी अस्पताल संचालक के खिलाफ दर्ज होगी एफआइआर

जागरण संवाददाता, कानपुर : टाटमिल स्थित निजी अस्पताल संचालक के खिलाफ कोरोना महामारी एक्ट के तहत रेल बाजार थाने में मुकदमा दर्ज कराने के लिए सीएमओ के आदेश पर देर रात तहरीर दी गई है। उन पर कोरोना संक्रमित की सूचना न देने और गंभीर स्थिति होने के बाद भी दो घंटे तक एंबुलेंस न मुहैया कराने का आरोप है।

सीएमओ डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि 28 नवंबर को बुजुर्ग महिला कृष्णा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के होल्डिग एरिया में भर्ती हुईं थीं। कोरोना संक्रमित को अस्पताल प्रशासन दो घंटे तक होल्डिग एरिया में रखे रहा। उसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को नहीं दी। हैलट अस्पताल भेजने के लिए दो घंटे बाद एंबुलेंस मुहैया कराई। उनके जाने के बाद भी सूचना नहीं दी। महिला के पुत्र की शिकायत पर सहायक नोडल अफसर डॉ. केसी यादव को जांच के लिए भेजा था। उनके पुत्र के बयान के आधार पर रेल बाजार थाने में महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है। सीएमओ डॉ. अनिल मिश्रा का कहना है कि सूचना नहीं देना, एक तरह से महामारी फैलाने में सहयोग करने जैसा है।


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