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चालाक तेंदुआ : SAF और OEF के जंगल को बनाया ठिकाना, पिजड़े में लगाई मादा तेंदुआ की फोटो लेकिन नही फंसा

कानपुर में आईआईटी में देखा गया तेंदुआ एनएसआई के बाद अब अरमापुर एस्टेट में स्माल आर्म्स फैक्ट्री और ओईएफ के जंगल में पहुंच गया है। 18 दिन बीत जाने के बाद भी वन विभाग द्वारा पकड़ने के लिए सभी प्रयास फेल साबित हुए हैं। लोगों में दहशत बनी हुई है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 13 Nov 2022 08:45 AM (IST)Updated: Sun, 13 Nov 2022 08:45 AM (IST)
चालाक तेंदुआ : SAF और OEF के जंगल को बनाया ठिकाना, पिजड़े में लगाई मादा तेंदुआ की फोटो लेकिन नही फंसा
वन विभाग 18 दिन बाद भी तेंदुआ पकड़ नहीं पाया है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। अर्मापुर एस्टेट में मौजूद तेंदुए का 18वें दिन भी सुराग नहीं मिला। वह कभी स्माल आर्म्स फैक्ट्री तो कभी ओईएफ के जंगल में घूमता है, लेकिन वन विभाग की टीम उसकी सही लोकेशन पता नहीं कर पा रही है। शुक्रवार रात उसे पकड़ने के लिए पिंजरे में मादा तेंदुए की तस्वीर लगाने, आवाज प्रसारित करने और यूरिन छिड़कने से भी कोई फायदा नहीं हुआ। पूरी रात वह पिजड़े के पास तक नहीं आया। इससे पहले भी वो चकमा दे चुका है।

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IIT और NSI के बाद अब अरमापुर में दहशत

आइआइटी व एनएसआइ के बाद अब अर्मापुर एस्टेट में दहशत की वजह बने तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम सभी पैंतरे इस्तेमाल कर रही है, लेकिन वह इतना चालाक है कि जाल में नहीं फंस रहा। गुरुवार रात करीब 10 बजे वह स्माल आर्म्स फैक्ट्री से टनल के रास्ते ओएफसी के जंगल में जाते हुए देखा गया था। इसके बाद से उसका पता नहीं लगा है। 

मादा तेंदुआ की तस्वीर लगाई फिर भी पिजड़े तक नहीं फटका

चिड़ियाघर के पशु चिकित्साधिकारी व रेस्क्यू टीम में शामिल डा. नासिर ने बताया कि नर तेंदुए, मादा तेंदुए की तरफ आकर्षित होते हैं। इसी वजह से शुक्रवार रात पिंजरे में मादा तेंदुए की तस्वीर लगाई गई थी। इसी के साथ ब्लूटूथ डिवाइस की मदद से मादा तेंदुए की आवाज भी कुछ अंतराल पर प्रसारित की गई। पिंजरे के आसपास मादा तेंदुए की यूरिन का भी छिड़काव किया गया। फिर भी तेंदुआ नहीं आया, बल्कि वह कहीं दुबककर बैठा है।

अर्मापुर कालेज में दहशत के बीच परीक्षा

तेंदुए की दहशत के बीच अर्मापुर डिग्री कालेज में विद्यार्थियों की मिड टर्म परीक्षा भी हो रही है। इस दौरान कर्मचारी मुस्तैद रहते हैं और कालेज परिसर के गेट बंद रहते हैं। शिक्षकों ने बताया कि विद्यार्थियों को समूह में आने जाने के लिए कहा है। शाम चार बजे परीक्षा होने के बाद कालेज बंद हो जाता है और केवल कर्मचारी होते हैं।

शाम से घरों में कैद हो जाते अर्मापुर एस्टेट के लोग

अर्मापुर एस्टेट व आसपास कालोनियों में रहने वाले लोग भी देर शाम सात बजे के बाद अकेले नहीं निकल रहे हैं। वन विभाग की ओर से सतर्क किए जाने के बाद उन्होंने जरूरी काम दिन में ही निपटाने शुरू कर दिए हैं। इलाके के लोगों ने बताया कि जब तक तेंदुआ नहीं पकड़ा जाता, उनके परिवारों के लिए खतरा बरकरार है।


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