यूरोपीय देशों में कोरोना की बेडिय़ां, चर्म कारोबार थमने से कानपुर में छाया संकट
कोरोना के नए स्ट्रेन की वजह से ब्रिटेन जर्मनी व फ्रांस समेत आदि देशों में मांग न होने से कानपुर में बने चर्म उत्पादों का उत्पादन घट गया है। क्रिसमस से पहले सैंपलिंग के बाद जनवरी में निर्यात के लिए उत्पाद बनाने की तैयारी चल रही थी।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी की मार से बेहाल चर्म उद्योग उबरने की कोशिश कर रहा था कि वायरस के नए स्ट्रेन ने फिर स्थिति बदहाल कर दी। ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, इटली व ग्रीस समेत अन्य यूरोपीय देशों से ऑर्डर मिलना बंद हो गए हैं। इन देशों से ऑर्डर के लिए क्रिसमस से पहले ऑनलाइन व ऑफलाइन सैंपलिंग हुई थी जिसके बाद जनवरी माह में चर्म उद्यमियों को यह माल तैयार करना था लेकिन निर्यात बंद होने से सैडलरी, बैग, बेल्ट व जूते के निर्यातकों का कारोबार भी थम गया है।
सबसे ज्यादा मुश्किल ब्रिटेन में है। वहां वायरस के नए स्टे्रन बचाव के लिए लॉकडाउन लगने के कारण ऑर्डर रुक गए हैं जबकि महीने भर पहले भेजे गए माल की पेमेंट भी नहीं हुई है। इससे निर्यातक काफी मुश्किल में हैैं क्योंकि बैंक से लिए गए ऋण पर ब्याज देना पड़ रहा है। उत्पादन न होने से महज तीन दिन ही औद्योगिक इकाइयां चल पा रही हैं।
आठ महीने से घाटे की जद में चर्म उद्योग
कोरोना की वजह से चर्म कारोबार को यह बड़ा दूसरा झटका लगा है। आठ महीने के समय अंतराल में आयात व निर्यात दोनों बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लॉकडाउन के दौरान आयात में 51.66 फीसद व निर्यात में 36.55 फीसद की कमी आई है।
कारोबारियों की पीड़ा
- चर्म उत्पादों का वार्षिक टर्नओवर आठ हजार करोड़ रुपये है। कोरोना के नए स्ट्रेन से कारोबार काफी प्रभावित हुआ है। यूरोपीय बाजार बंद होने से चर्म उद्योग फिर छह माह के लिए पीछे चला गया है। -असद इरादी, महासचिव लेदर इंडस्ट्रीज वेलफेयर एसोसिएशन
- विदेशी निर्यात के अलावा घरेलू निर्यात पर भी ब्रिटेन के नए स्ट्रेन का असर पड़ा है। कानपुर से घरेलू निर्यात 30 हजार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष है। चर्म निर्यात के कानपुर रीजन पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ा है क्योंकि यहां से फिनिश लेदर व उत्पाद दोनों विदेश जाते हैं। -जावेद इकबाल, रीजनल चेयरमैन चर्म निर्यात परिषद
- फैशन व सैडलरी का निर्यात पहले ही 25 फीसद कम चल रहा था। स्ट्रेन से यह 50 फीसद से ज्यादा कम हो गया है जबकि यूरोपीय देशों में मांग बिल्कुल खत्म हो गई है। -जफर फिरोज, सलाहकर आयात-निर्यात
- ब्रिटेन में जब तक लॉकडाउन रहेगा तब तक चर्म उत्पाद भेजने का सवाल ही नहीं उठता। उत्पादन घट गया है। ऑर्डर भर का उत्पादन ही कर रहे हैं। -ताज आलम, चर्म उद्यमी