Move to Jagran APP

Mission Namami Gange : कानपुर में आचमन के लायक भी नहीं हैं गंगा, क्या करेंगे प्रधानमंत्री!

चर्चा है कि 14 दिसंबर को पीएम गंगा सम्मेलन और समीक्षा बैठक में भाग लेने कानपुर पहुंचेंगे तो गंगा का नौका (स्टीमर) से भ्रमण कर गंगाजल से आचमन भी करेंगे...।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 10:36 AM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 10:55 AM (IST)
Mission Namami Gange : कानपुर में आचमन के लायक भी नहीं हैं गंगा, क्या करेंगे प्रधानमंत्री!
Mission Namami Gange : कानपुर में आचमन के लायक भी नहीं हैं गंगा, क्या करेंगे प्रधानमंत्री!

जागरण संवाददाता, कानपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच राज्यों में चल रही महत्वाकांक्षी नमामि गंगे परियोजना के कामों की समीक्षा उत्तर प्रदेश के कानपुर में 14 दिसंबर को करेंगे। यह परियोजना उनके दिल के करीब है। परियोजना लंबी चलनी है, लेकिन अब तक जो हुआ, वह उम्मीद नहीं जगा रहा। इसीलिए कानपुर से यह पोल-खोल पड़ताल हमने शुरू की है, जो एक-एक कर गंगा पट्टी के अन्य शहरों तक जाएगी, ताकि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित जनता को नमामि गंगे की प्रगति से अवगत कराया जा सके। 14 को समीक्षा कर प्रधानमंत्री खुद भी देश को अवगत कराएंगे।

loksabha election banner

चर्चा है कि 14 दिसंबर को पीएम गंगा सम्मेलन और समीक्षा बैठक में भाग लेने कानपुर पहुंचेंगे तो गंगा का नौका (स्टीमर) से भ्रमण कर गंगाजल से आचमन भी करेंगे...। इधर, कानपुर के लोगों और संतों की मानें तो यहां गंगा में आचमन प्रधानमंत्री के लिए किसी चैलेंज से कम न होगा, क्योंकि गंगा मैया में इतना मैल भर चुका है कि गंगाजल आचमन के लायक भी नहीं रहा है।

खामियों से भरी कार्ययोजना, भुगत रहीं गंगा

दैनिक जागरण ने शुक्रवार को जब नमामि गंगे योजना के तहत हुए कार्यों की पड़ताल अटल घाट से शुरू की तो पता चला कि पतित पावनी गंगा अधूरी कार्ययोजना का शिकार हो गईं। योजना में छह नाले टैप किए गए फिर भी गंगा की गोद में जहर जा रहा है। कागजों में बंद टेनरियां भी लाखों लीटर दूषित पानी उगल रही हैं। जल निगम ने वर्ष 2017 में नमामि गंगे के तहत गंगा स्वच्छता की कार्य योजना तैयार की।

नाला टैपिंग के साथ गंगा से जुड़े 34 वार्डों में 370 करोड़ रुपये से सीवर लाइन की सफाई, मरम्मत और नई सीवर लाइन डालने का काम चरणबद्ध तरीके से मार्च 2020 तक पूरा करना था। गंगा में छोटे-बड़े दो दर्जन नाले गिरते हैं, लेकिन योजना में छह नालों को ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ने की योजना बनी। इसमें भी चार नाले ही बंद हुए। पड़ताल में सामने आया कि परमिया नाला, डबका नाला, रानीघाट नाला, गोलाघाट नाला, सीताबाजार नाला, बुधियाघाट नाला, वाजिदपुर नाला, मैगजीनघाट नाला, तिवारी घाट नाला, सत्तीचौरा आदि नाले सभी सीधे गंगा में गिर रहे हैं।

नई योजना भी आधी अधूरी

पहली कार्ययोजना में छूटे नाले बंद करने के लिए दूसरी कार्ययोजना बन रही है। इनसे करीब 80 एमएलडी (मिलियंस ऑफ लीटर पर डे) प्रदूषित पानी गंगा में सीधे जा रहा है। इसमें गोलाघाट, सत्ती चौरा, गोलाघाट, सीता बाजार, बुधियाघाट और वाजिदपुर नाले की टैपिंग शामिल की गई है। लेकिन रानीघाट, सरसैया घाट, मैगजीन घाट, तिवारी घाट समेत छोटे- बड़े एक दर्जन से अधिक नाले गंगा में गिरते रहेंगे। इनसे 15 एमएलडी से अधिक प्रदूषित पानी रोज गंगा में गिरता है। 14 दिसंबर को प्रधानमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम के चलते जलनिगम और नगर निगम तेजी से काम कर रहे हैं। इसका दुष्परिणाम गुणवत्ता के दरकिनार होने के रूप में आ सकता है।

पानी बढ़ेगा तो नाला नहीं दिखेगा

छह बंद नालों में एक परमिया नाला भी है। यहां मौजूद मसवाननगर निवासी शिवकुमार, मूलचंद और बबलू ने बताया कि यह नाला अभी तक बंद नहीं किया गया है। इससे गंदगी आ रही है। गंगा में पानी बढ़ेगा तो यह नाला दिखना बंद हो जाएगा। रानीघाट में दुर्गंध के मारे खड़ा होना दुश्वार था। यहां गोल्डीपाल, जयसिंह, राजू निषाद आदि ने बताया कि शौचालय नहीं था। अब यहां शौचालय बनना शुरू हुआ है। नाले की गंदगी गंगा में ही जा रही है। इन लोगों ने एकस्वर में कहा कि प्रधानमंत्री हमसे मिलें, हम उन्हें गंगा का हाल बताएंगे...।

...तो दिख जाएगा गंगा से हुआ छल

प्रस्तावित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री अटल घाट गंगा बैराज से सिद्धनाथ घाट तक जा सकते हैं। वह यहां आचमन भी करेंगे। पीएम यहां से चंद किलोमीटर आगे डबकेश्वर मंदिर तक आ जाएं तो योजना का सच दिखेगा। हमारी पड़ताल में डबका नाले का हाल सबसे बुरा मिला। बड़े पैमाने पर सीवर का पानी गंगा में जाता दिखा। लोगों ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री यहां आकर आचमन करेंगे...।

गंगा में कोई सुधार नहीं हुआ है। मैं पहले रोज गंगा स्नान करता था, लेकिन अब स्थिति नहीं रही। नाले और सीवर का पानी गंगा को बदहाल कर रहा है।

-बालयोगी अरुण चैतन्यपुरी, महंत हनुमत कृपा आश्रम, सिद्धनाथ घाट

स्तियों में एकल शौचालय बनाए जा रहे है। खुले में शौच न जाने के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है। जल निगम के साथ भी बैठक कर नालों को बंद करने की कार्ययोजना पर विचार किया जाएगा।

-अक्षय त्रिपाठी, नगर आयुक्त


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.