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200 करोड़ के सिक्कों के बोझ से पड़ रही महंगाई की मार

सिक्कों की बहुतायत को देखते हुए कारोबारियों ने सिक्के लेना बंद किया तो कारोबार पर असर पड़ने लगा।

By Amal ChowdhuryEdited By: Published: Mon, 18 Dec 2017 10:35 AM (IST)Updated: Tue, 19 Dec 2017 08:23 AM (IST)
200 करोड़ के सिक्कों के बोझ से पड़ रही महंगाई की मार
200 करोड़ के सिक्कों के बोझ से पड़ रही महंगाई की मार

कानपुर (जागरण संवाददाता)। बैंकों की मनमानी और भारतीय रिजर्व बैंक की चुप्पी जनता पर महंगाई का बोझ डाल रही है। करोड़ों रुपये के सिक्कों तले दबे कारोबारी अब सिक्के कमीशन पर बदलने को मजबूर हैं और इसे अपने सामान की लागत में जोड़ रहे हैं। इससे जीएसटी लागू कर महंगाई पर अंकुश लगाने के केंद्र सरकार का सपने बिखर रहा है। वहीं आम आदमी की जेब पर अधिक बोझ पड़ रहा है। बैंक जहां सिक्के जमा करने से इन्कार कर रहे हैं और आरबीआइ इस संबंध में कोई कड़ा कदम नहीं उठा रही है।

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कानपुर में इस समय 200 करोड़ रुपये से अधिक के सिक्के बाजार में हैं। सिक्कों की बहुतायत को देखते हुए कारोबारियों ने सिक्के लेना बंद किया तो कारोबार पर असर पड़ने लगा। उन्होंने सिक्के लेने शुरू किए तो कारोबारी पूंजी फंसने लगी। इससे निजात पाने के लिए कारोबारियों ने सिक्कों को नोटों में बदलना शुरू किया। रेजगारी को नोटों में बदलने वाले एजेंट इसका फायदा उठा रहे हैं और 15 फीसद से लेकर तीस फीसद तक कमीशन ले रहे हैं।

नयागंज के कारोबारी हों या फिर कचरी, फूड प्रोसेसिंग और अगरबत्ती के उत्पादक, कमीशन एजेंट के मनमाने रेट पर रेजगारी बदल रहे हैं। इसका असर दिखा कि कारोबारियों ने इस पैसे को उत्पाद की लागत में जोड़ दिया और उसी के अनुसार कीमत बढ़ा दी है। कुछ ने मात्रा कम कर दी है। एक रुपये से पांच रुपये तक नमकीन, सोया, कचरी जैसे प्रोडक्ट बनाने वाले एक कारोबारी का कहना है कि पहले वह जिस पैकेट में 35 ग्राम सामान पैक करते थे, अब उसी रेट में तीस ग्राम की पैकिंग कर रहे हैं।

अगरबत्ती उत्पादक एसके सिन्हा कहते हैं, अगरबत्ती जैसे काम फुटकर कारोबार पर चलते हैं। सेल्समैन बेचता है, दुकानदार सिक्के भी देते हैं। इन सिक्कों को न लें तो कारोबार न चले और लें तो कमीशन पर बदलें। कारोबारी क्या करें। सरकार कारोबारियों की इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रही।

आरबीआइ कह रही सीमा नहीं, बैंक कह रहे एक हजार: सिक्का अधिनियम 2011 की धारा 6(1) को ढाल बनाकर बैंक 1000 रुपये तक के सिक्के जमा करने की बात कह रहे हैं, हालांकि वे यह भी नहीं जमा कर रहे हैं। हकीकत में बैंक खातों में सिक्का जमा करने के संबंध में कोई नियम है ही। खुद आरबीआइ ने जन सूचना के तहत दी जानकारी में इसे स्पष्ट किया है। इसके बाद भी बैंक आरबीआइ के नियम को तोड़मरोड़ कर अपने फायदे के लिए केंद्र सरकार के सपने, कारोबार और आम आदमी की जेब, सभी को झटका दे रहे हैं।

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दिल्ली बदल रहा सिक्का: यूपी और कानपुर के कारोबारियों की मजबूरी का फायदा दिल्ली उठा रहा है। कानपुर से लाखों की मात्रा में रेजगारी दिल्ली भेजी जा रही है। बीते एक महीने में दो बार ऐसे मामले पकड़े गए, जिसमें करीब साठ लाख रुपये की रेजगारी एक्सचेंज होने के लिए दिल्ली जा रही थी। यहां के एजेंट दिल्ली में रेजगारी को कम कमीशन पर बदल कर रुपया बना रहे हैं।

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