अपनी जमीन पर कब्जे, भूखंड के लिए जगह ढूंढ़ रहा केडीए
अधीन आने वाली ग्राम समाज की जमीन पर बन गए स्कूल व गेस्ट हाउस, सीबीआइ अगर इन मामलों की जांच कर ले तो खुलेगा बड़ा खेल
जागरण संवाददाता, कानपुर : कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) अभियंताओं व कर्मचारियों की मेहरबानी से शहर में धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं। केडीए की ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा करके लोग स्कूल, गेस्ट हाउस और व्यावसायिक निर्माण कराए जा रहे हैं। आलम यह है कि एक तरफ केडीए प्रधानमंत्री आवास योजना और आवासीय योजनाओं के लिए जगह ढूंढ रहा है वहीं खुद उसकी अरबों रुपये की भूमि कब्जा करके भूमाफिया ने बेच डाली। चकेरी में करोड़ों की जमीन पर कब्जे के मामले में दो साल पहले तत्कालीन मंडलायुक्त ने जांच के आदेश दिए थे लेकिन भूमाफिया और सक्रिय रैकेट ने मिलीभगत कर जांच के आदेश ठंडे बस्ते में डलवा दिए।
सीबीआइ द्वारा सहायक अभियंता राजीव गौतम को पकड़े जाने के बाद से केडीए मे खलबली मची है। सीबीआइ अगर सिर्फ योजनाओं और ग्राम समाज की जमीनों की जांच कर ले तो कई अफसर व कर्मचारी शिकंजे में आ जाएंगे।
दरअसल केडीए के अंतर्गत शहर से जुड़े 85 गांव आते हैं। इनमें से चकेरी, कल्याणपुर, मैनावती मार्ग, मिर्जापुर, दहेली सुजानपुर, कल्याणपुर में कला व खुर्द, समेत कई जगह ग्राम समाज की जमीन पर लोगों ने अफसरों की मेहरबानी से कब्जे कर प्लाटिंग कर जमीन बेच डाली या बेच रहे हैं। इनको रोकने के लिए बाकायदा टीम बनी हुई है लेकिन किसी को कब्जे दिखाई नहीं दे रहे। ग्राम उद्योग विकास मंडल की ललिता चौहान ने मुख्यमंत्री और केडीए उपाध्यक्ष पत्र भेजकर शिकायत की कि चकेरी में ग्राम समाज की कई बीघा जमीन पर लोगों ने कब्जा कर लिया है। विद्यालय, बरातशाला, मकान बना लिए गए हैं। भूखंड काटकर बेच दिए हैं। इसकी जांच हो तो करोड़ों रुपये की भूमि केडीए को मिलेगी, यहां गरीबों के मकान बनाने जा सकते हैं।
चिह्नित कराई जा रही है जमीन
केडीए उपाध्यक्ष सौम्या अग्रवाल ने बताया कि ग्राम समाज की जमीन का सर्वे हो रहा है। इसमें पता चलेगा कि कितनी जमीन है पर कितना कब्जा है। इसको चिह्नित करके खाली कराया जाएगा। कब्जे हटवाए जाएंगे। कब्जा करने वालों पर मुकदमा कराएंगे।