आठ सूत्रीय एजेंडे के साथ इंटक का राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न Kanpur News
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सभागार में राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ
कानपुर, जेएनएन। इंटक का लक्ष्य रुपये की न्यूनतम आवश्यकता आधारित न्यूनतम मासिक मजदूरी को प्राप्त करना है। यह हर एक कामगार के लिए 50 हजार रुपये मासिक होना चाहिए। इसके साथ ही सभी श्रमिक वर्ग के लिए पेंशन अंतिम वेतन का 50 फीसद होनी चाहिए। मजदूरों के लिए ऐसे ही आठ सूत्रीय एजेंडे के साथ इंटक के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का बुधवार को समापन हो गया। कार्यक्रम का आयोजन चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के सभागार में हुआ।
इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जी संजीव रेड्डी ने कहा कि वर्तमान में मजदूरों की स्थिति बेहद खराब है। सरकार मजदूरों की सिर्फ बात करती है, पॉलिसी उनके खिलाफ बनाती हैं। आठ जनवरी को होने वाली देशव्यापी हड़ताल में सभी मजदूर संगठन शामिल हो रहे हैं। वर्तमान हालात से बीएमएस (भारतीय मजदूर संघ) भी विचलित है। इसी के साथ अगले पांच वर्ष 2019-23 के लिए आठ सूत्रीय कार्रवाई योजना का प्रस्ताव रखा जिसे देश भर से आए प्रतिनिधियों ने हाथ उठाकर अपना समर्थन दिया।
यूथ इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय गाबा ने कहा कि सरकार ने फिकस्ड टर्म इंप्लायमेंट एक्ट 2018 पास किया। इसमे अधिकतम तीन वर्षो के लिए मजदूरों को काम पर रखा जा सकेगा। इससे मजदूर की सामाजिक सुरक्षा पूरी तरह खत्म हो जाएगी। छत्तीसगढ़ इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि पांच वर्षीय कार्यक्रम को जमीन पर लाने के लिए हर स्तर पर आंदोलन करना होगा। प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह, केके नायर, चंद्रप्रकाश सिंह, जेपी छाजेड, एम राघवईया, राजेश शुक्ला, आर चंद्र शेखरन, आरसी खुन्टिया, राजेंद्र प्रसाद सिंह, उमेश कुमार शुक्ला, त्रिलोकी व्यास, सिद्धनाथ तिवारी, सुरेश यादव उपस्थित रहे।
आठ सूत्रीय एजेंडा
-प्रत्येक कामगार का वेतन 50 हजार रुपये -अंतिम वेतन का 50 फीसद पेंशन -कंपनी की बंदी अथवा छटनी की स्थिति में सेवानिवृति तक वेतन -कंपनी के प्रबंधन में श्रमिकों की सक्रिय भागीदारी -श्रमिक की सेवानिवृति के बाद आश्रित को रोजगार में वरीयता -कंप्यूटर, साफ्टवेयर इंजीनियरों, शिक्षक और शिक्षाविदों को आकर्षित करने के लिए इंटक उपयुक्त कार्यक्रम तैयार करे -सरकार बीमार उद्योगों को श्रमिकों द्वारा चलाने की योजना बनाए -जिन कर्मचारियों को ईएसआइ सुविधा नहीं है उन्हे वैकल्पिक चिकित्सा सुविधा दी जाए।