CSJMU Kanpur में 40 फीसद हो पाया कोर्स, जानिए-कबतक होंगी परीक्षाएं
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लाॅक डाउन में आॅनलाइन कक्षाओं से कोर्स कम हुआ है। आॅफलाइन कक्षाएं लगने से पठन पाठन की गति बढ़ गई हैं। अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षाओं की योजना बनाना शुरू कर दिया है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस से बचाव के लिए हुए लाॅक डाउन का असर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय की सत्र परीक्षाओं पर पड़ा है। बीबीए, बीसीए व एमबीए समेत अन्य कोर्स के पहले व तीसरे सत्र के छात्र छात्राओं की परीक्षाएं जो पिछले वर्ष तक दिसंबर में समाप्त हो जाया करती थीं इस बार फरवरी माह से प्रारंभ होंगी। आॅनलाइन कक्षाओं के चलते छात्रों का 40 फीसद से कोर्स खत्म हो पाया है। अब आॅफलाइन कक्षाएं चलने के बाद पढ़ाई कुछ पटरी पर आ रही है।
कोर्स कवर होने के स्तर को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन फरवरी माह में सत्र परीक्षाएं कराए जाने की योजना बना रहा है। वर्तमान में विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आॅफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाॅजी में बीटेक के छात्र छात्राओं की सत्र परीक्षाएं चल रही हैं। इन छात्रों छात्राओं की कक्षाएं आॅनलाइन लगाए जाने के साथ इनका प्रयोगात्मक अध्ययन भी इसी प्रकार कराया गया। छात्र छात्राओं की तैयारी देखने के बाद उनके लिए परीक्षाएं आयोजित की गईं। वहीं दूसरी ओर अब बीबीए, बीसीए, होटल मैनेजमेंट, एमबीए व समाज कार्य विभाग समेत अन्य विभागों में विभिन्न पाठ्यक्रमों के छात्र छात्राओं की परीक्षाएं होना अभी बाकी हैं। विश्वविद्यालय में पांच हजार से अधिक छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं जिनकी परीक्षाएं होनी हैं।
अगले सत्र को व्यवस्थित किए जाने पर पूरा ध्यान
कुलसचिव डाॅ. अनिल कुमार यादव ने बताया कि कोविड-19 के चलते पहले व तीसरे सत्र के छात्र छात्राओं की परीक्षाएं कराए जाने के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन का पूरा ध्यान अगले सत्र को व्यवस्थित करने पर है। इस साल प्रवेश से लेकर परीक्षा सभी प्रभावित हुए हैं। अब जनवरी से नया सत्र प्रारंभ करा दिया जाएगा।
गर्मी की छुट्टियों में कटौती हो सकती है
विश्वविद्यालय प्रशासन ने पढ़ाई व परीक्षा दोनों को पटरी पर लाने के लिए गर्मियों की छुट्टियों में कटौती के संकेत दिए हैं। इसी के आधार पर एकेडमिक कैलेंडर तैयार किया गया है। शिक्षक व छात्र छात्राओं को केवल जरूरी छुट्टियां ही मिलेंगी। लंबी छुट्टियों पर अगले वर्ष रोक लगाए जाने की तैयारी है जिससे सत्र को नियमत किया जा सके।