जानें-रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित अमृता के जीवन संघर्ष की कहानी Kanpur News
शूटिंग में एक स्वर्ण व तीन कांस्य पदक हासिल कर चुकी अमृता झांसी पुलिस लाइन में मुख्य आरक्षी पद पर तैनात हैं।
कानपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री के हाथों रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित अमृता पांडेय शूटिंग में कई पदक हासिल कर चुकी हैं। वह झांसी पुलिस लाइन में मुख्य आरक्षी पद पर तैनात हैं और सीतापुर स्थित ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग कर रही हैं। शहर के पनकी गंगागंज कॉलोनी में रहने वाली अमृता के पिता चाहते थे कि वो आत्मनिर्भर बनें, उन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए अपने जीवन संघर्ष को कुछ इस तरह साझा किया...।
एक स्वर्ण और तीन कांस्य जीत चुकी हैं
स्व. रमेश कुमार पांडेय की पुत्री अमृता एक बार स्वर्ण व तीन बार कांस्य पदक जीत चुकी हैं। शुक्रवार को लखनऊ के शिल्पग्राम पार्क में उत्तर प्रदेश दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में अमृता को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अमृता ने बताया कि पिता और उत्तर प्रदेश पुलिस शूटिंग टीम की मुख्य कोच के मार्गदर्शन पर ही वह आगे बढ़ सकी है। 2016 में उत्तर प्रदेश की शूटिंग टीम में चयन होने के बाद नेशनल स्तर पर हुई शूटिंग प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके अलावा 2017, 2018 व 2019 में लगातार तीन बार राष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीत चुकी हूं।
पिता चाहते थे बनूं आत्मनिर्भर
अमृता ने बताया कि पिता जी चाहते थे कि बेटी आत्मनिर्भर बने। इसके लिए वह पढ़ाई के साथ खेल के लिए भी प्रेरित किया। पुलिस में नौकरी करने के बाद भी उनका रुझान शूटिंग में रहा। आरक्षी पद पर नौकरी के लिए प्रयास किया। इस सफलता के पीछे मेरी गुरु रंजना का भी बहुत योगदान है। अब ओलंपिक में पदक जीतने का सपना है। एक माह से अमृता अपनी कोच रंजना गुप्ता के साथ सीतापुर स्थित 27 बटालियन में रह रही हैं। अमृता ने बताया कि घर में आग लगने की वजह से प्रमाण जलकर खाक हो गए थे, लेकिन मैं निराश नहीं हुई।