सपनों के पंख से हौसलों को उड़ान दे रही रेनू, आधी आबादी के लिए प्रेरक है उनकी कहानी
रेनू गौड़ ने अपनी सोच और पहल से एक हजार से अधिक युवतियों को हुनरमंद बनाकर उनकी जिंदगी में बदलाव लाया है।
कानपुर, आलोक शर्मा। आजाद नगर के ज्योरा की रेनू गौड़ और वान्या अपने सपनों के पंख से हौसलों को उड़ान दे रही हैं। उनकी कहानी आधी आबादी के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है, आज रेनू एक हजार से भी ज्यादा युवतियों को हुनरमंद बना चुकी है और उनका जीवन बदल गया है। इसी का परिणाम है कि आज ज्योरा, संजयपुरम, परमिया पुरवा, पहलावनपुरवा की सैकड़ों युवतियां पढ़ाई पूरी करके अपने पैरों पर भी खड़ी हो चुकी हैं।
इस तरह बदली इनकी जिंदगी
- पहलवान पुरवा की सावित्री आर्थिक समस्याओं से घिरी थीं। पति मजदूरी करते, जिससे परिवार चलाना तक मुश्किल था। रेनू ने उन्हें सिलाई का प्रशिक्षण दिया। आज सावित्री अपने पति के साथ रेडीमेड कपड़ों का छोटा सा व्यवसाय शुरू कर चुकी हैं।
- जागेश्वर मंदिर के पास रहने वाली वान्या भी काफी परेशान रहती थीं। पढ़ाई भी रुक गई। रेनू ने उन्हें ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण दिया। स्वयं सहायता समूह से मदद दिलाई। आज वान्या अपना ब्यूटी पार्लर चला रही हैं। दो लड़कियों को नौकरी पर भी रखा है।
कुछ ऐसी है रेनू की कहानी
शुरुआती दौर में रेनू की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। अक्सर अपने जैसी लड़कियों के लिए कुछ करने की चाहत मन में थी। कक्षा नौ में ही उन्हें सिलाई-कढ़ाई की अच्छी जानकारी थी। इस हुनर से रेनू ने छोटी उम्र में ही अपने जैसी लड़कियों को प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया। इससे होने वाली आय से अपनी पढ़ाई पूरी की। डबल एमए, म्यूजिक में प्रभाकर समेत कई डिग्रियां उनके पास हैं। आज वह डांसिंग, सिंगिंग, ब्यूटीशियन, आर्ट एंड क्राफ्ट, मेहंदी, सिलाई, कढ़ाई में महारत रखती हैं। वर्ष 2010 मेें रेनू महिलाओं के उत्थान के लिए काम कर रही शक्ति केंद्र से जुड़ी तो उन्हें मंजिल मिल गई। केंद्र से जुड़ी युवतियों को नि:शुल्क प्रशिक्षण और फिर आर्थिक मदद देकर पैरों पर खड़ा करना शुरू किया। उनका क्रम पिछले दस वर्षों से अनवरत चल रहा है।
प्रशिक्षण के साथ रोजगार भी
रेनू को दूसरों की जरूरतों का अहसास है। शायद इसीलिए अपने ब्यूटी पार्लर में वह जरूरतमंद युवतियों को प्रशिक्षण के साथ रोजगार भी देती हैं। वह बताती हैं कि अक्सर ऐसी लड़कियां परेशान होकर आती हैं जिन्हें तत्काल आर्थिक मदद चाहिए। ऐसे में उन्हें अपने ब्यूटीपार्लर में काम पर रखती हैं। प्रशिक्षण के साथ पैसा भी देती हैं। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद युवतियों को दूसरी जगह काम दिलाती हैं या फिर घर पर ही अपना काम शुरू करने के लिए प्रेरित करती हैं।