कुलदीप ने ग्राम प्रधान से की थी राजनीति की शुुरुआत, 25 साल में बनाई थी मजबूत पैठ
लगातार चार बार विधायक बनने से कुलदीप की गिनती बाहुबलियों में होती थी।
कानपुर, जेएनएन। माखी दुष्कर्म कांड में उम्रकैद की सजा के बाद कुलदीप सेंगर की विधानसभा सदस्यता रद होने के बाद उनका राजनीतिक किला पूरी तरह ढह चुका है। उनपर दुष्कर्म का आरोप लगने पर भाजपा ने पहले ही पार्टी से निकाल दिया था। ग्राम प्रधान से राजनीति की शुरुआत करने वाले कुलदीप ने मजबूत पैठ बनाने में 25 साल का सफर तय किया था और उनकी गिनती क्षेत्र में बाहुबलियों में होती थी। लगातार चार बार विधायक बनने के साथ परिवार के सदस्य भी राजनीति में अहम पदों पर आसीन रहे।
इस तरह की थी शुरुआत
कुलदीप सेंगर अपने राजनीतिक सफर में कांगेस, बसपा, सपा और भाजपा का दामन पकड़कर आगे बढ़े। करीब 25 साल पहले ग्राम प्रधान के चुनाव से राजनीति शुरू की। पहली बार ही चुनाव में वह प्रधान चुने गए थे और फिर वह कांग्रेस में पदाधिकारी बने। इसके बाद राजनीति में गहरी पैठ बनाने के बाद विधानसभा क्षेत्र स्तर पर पहचान बनानी शुरू की। वर्ष 2002 में बसपा की टिकट पर सदर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और जीतकर विधायक बने। 2007 के विधानसभा चुनाव में सपा का दामन थामकर बांगरमऊ सीट से चुनाव लड़े और विधायक बने। वर्ष 2012 में फिर सपा की टिकट पर भगवंतनागर विधानसभा से विधायक चुने गए। 2017 के चुनाव में हवा का रुख देखते हुए भाजपा का दामन थाम लिया। बांगरमऊ सीट से भाजपा से टिकट लेकर जीते और विधायक बन गए थे।
राजनीति में बनाई थी मजबूत पैठ
चार बार विधायक रहकर कुलदीप ने राजनीति में मजबूत पैठ बना ली थी। उनकी पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं तो भाई की पत्नी ग्राम प्रधान रहीं। भाई मनोज सेंगर वर्ष 2005 से 2010 तक मियागंज के ब्लाक प्रमुख रहे। कुलदीप की राजनीति पैठ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अक्टूबर 2019 में भाई मनोज की मौत हुई तो पैरोल पर अंतिम संस्कार शामिल होने आए कुलदीप से मिलने कई दिग्गज नेता पहुंचे। शोक जताने आने वालों में बिठूर विधायकअभिजीत सिंह सांगा, सफीपुर विधायक बंबालाल दिवाकर, विधायक ब्रजेश रावत, पुरवा विधायक अनिल सिंह, सदर विधायक पंकज गुप्ता, सांसद साक्षी महाराज और विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित भी थे।
कुलदीप के साथ कब क्या हुआ
- कांग्रेस छोड़कर बसपा में शामिल हुए और वर्ष 2002 में सदर विधानसभा से विधायक बने।
- वर्ष 2007 में सपा में चले गए और बांगरमऊ से दूसरी बार विधायक बने।
- 2012 में विधानसभा क्षेत्र बदल कर भगवंतनगर सीट से चुनाव लड़ा और तीसरी बार जीत हासिल की।
- 2017 में भाजपा से चुनाव लड़कर बांगरमऊ सीट से चौथी बार विधायक बने।
- अप्रैल 2018 को माखी दुष्कर्म कांड में कुलदीप को सीबीआइ ने गिरफ्तार कर लिया।
- दुष्कर्म के मामला सामने आने के बाद भाजपा ने पार्टी से निकाल दिया।
- दिसंबर 2019 में दिल्ली की अदालत ने कुलदीप को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।