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जानिए- उन्नाव में गंगा में ट्रांसमिशन टावर गिरने से कानपुर की बिजली आपूर्ति पर क्या पड़ा असर

उन्नाव में गंगा कटरी में कटाने से ट्रांसमिशन टावर के गिरने से वैसे तो शहर की आपूर्ति पर कोई खास असर नहीं क्योंकि खतरा देखकर एक माह पहले ही आरपीएच से आपूर्ति शुरू कर दी गई थी। हालांकि अब फूलबाग ट्रांसमिशन से आपूर्ति का विकल्प खत्म हो गया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 07:56 AM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 07:56 AM (IST)
जानिए- उन्नाव में गंगा में ट्रांसमिशन टावर गिरने से कानपुर की बिजली आपूर्ति पर क्या पड़ा असर
कानपुर में बिजली आपूर्ति पर खास प्रभाव नहीं है।

कानपुर, जेएनएन। उन्नाव के चंपापुर कटरी में मिट्टी की कटान से गिरे ट्रांसमिशन टावर से शहर की बिजली आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ा है। हालांकि, 220 केवी फूलबाग ट्रांसमिशन सबस्टेशन से मिलने वाली बिजली का विकल्प फिलहाल बंद हो गया है। ट्रांसमिशन टावर पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए शहर में एक माह पहले ही फूलबाग डिवीजन की आपूर्ति को 220 केवी फूलबाग ट्रांसमिशन सबस्टेशन के बजाय आरपीएच से जोड़ दिया गया था।

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दरअसल, उन्नाव स्थित दही चौकी ट्रांसमिशन सबस्टेशन से शहर के फूलबाग ट्रांसमिशन सबस्टेशन को विद्युत आपूर्ति होती थी। यहां से फूलबाग डिवीजन के सात सबस्टेशनों को बिजली मिलती थी। दो सबस्टेशनों में आरपीएच ट्रांसमिशन सबस्टेशन से आपूर्ति की जाती थी। फूलबाग ट्रांसमिशन सबस्टेशन बनने से पहले केस्को फूलबाग डिवीजन में आरपीएच से ही आपूर्ति होती थी। बाद में फूलबाग ट्रांसमिशन सबस्टेशन का निर्माण होने के बाद बिजली आपूर्ति वहीं से होने लगी। उन्नाव में ट्रांसमिशन टावर के पिलर पर खतरा मंडराने की जानकारी पर, करीब एक माह पहले ही बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था की तैयारी कर ली गई थी। टावर से होने वाली आपूर्ति को बंद किया जा चुका था। केस्को को पास फूलबाग डिवीजन में आपूर्ति के लिए दो विकल्प थे। इससे फूलबाग ट्रांसमिशन सबस्टेशन बंद होने से सिर्फ आरपीएच से ही आपूर्ति हो सकेगी। वैकल्पिक व्यवस्था खत्म होने से फाल्ट होने पर आपूर्ति तुरंत शुरू नहीं हो पाएगी।

नौ सबस्टेशनों में इन सात को होती थी आपूर्ति : उन्नाव ट्रांसमिशन से चंपापुर कटरी में लगे ट्रांसमिशन टावर से फूलबाग डिवीजन के सात सबस्टेशनों को आपूर्ति होती थी। इनमें फूलबाग, दालमंडी, घंटाघर, शनिदेव, झाड़ीबाबा, सरसैयाघट व आरबीआइ सबस्टेशन है। वहीं, आरपीएच ट्रांसमिशन से फूलबाग डिवीजन के खासबाजार व छप्पर सबस्टेशनों को आपूर्ति की जाती थी।

टावर दोबारा लगाने में छह माह लगेंगे : मिट्टी की कटान से गिरे टावर को दोबारा लगाने में छह माह का समय लगेगा। गर्मी में जलस्तर कम होने पर टावर का निर्माण हो सकेगा। तब तक फूलबाग ट्रांसमिशन सबस्टेशन भी बंद रहेगा। टावर दोबारा लगने के बाद आपूर्ति शुरू होगी।

-ट्रांसमिशन टावर गिरने से शहर में बिजली पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्नाव से 220 केवी की बिजली चंपापुर कटरी मेें लगे ट्रांसमिशन टावर के माध्यम से फूलबाग ट्रांसमिशन सबस्टेशन आती थी। ट्रांसमिशन टावर के गिरने की आशंका की वजह से पहले ही फूलबाग डिवीजन की आपूर्ति फूलबाग ट्रांसमिशन से हटाकर आरपीएच से शुरू कर दी गई थी। -संजय अग्रवाल, मुख्य अभियंता केस्को


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