आखिर मौसम का चक्र बदलने की क्या है वजह, क्यों कम हो रहे ठंड के दिन Kanpur News
एक समय था जब अक्टूबर माह के अंत से ही ठंड पडऩे लगती थी।
कानपुर, जेएनएन। सर्दी के दिन अब कम होते जा रहे हैं। पहले जहां अक्टूबर के अंत में ठंड पडऩे लगती थी, वहीं अब नवंबर के अंत में रजाई की जरूरत महसूस होती है। फरवरी तक पडऩे वाली सर्दी जनवरी के मध्य तक सिमट कर रह गई है। इसकी वजह ग्लोबल वार्मिंग को बताया जा रहा है। कार्बन डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन व सल्फर डाईऑक्साइड जैसी ग्रीन हाउस गैसों की अधिकता का असर मौसम चक्र पर पड़ रहा है। इससे मौसम का चक्र पूरी तरह बिगड़ता जा रहा है।
धुंध के कारण जमीन का तापमान ऊपर नहीं पहुंचता
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के मौसम वैज्ञानिक डॉ. नौशाद खान ने बताया कि शहर में भी मौसम चक्र का बदलाव दिख रहा है। लगातार धुंध व बदली की स्थिति रहने के कारण कई दिनों तक जमीन का तापमान ऊपर नहीं पहुंच पाता है जिससे नीचे का तापमान अधिक होता रहा। अधिकतम तापमान के आंकड़े इसका संकेत दे रहे हैं। दिसंबर माह में पहले अधिकतम तापमान दस से 15 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच जाता था, अब यह 25 डिग्री के आसपास है।
फसल उत्पादन में भी कमी के आसार
सीएसए के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के सीनियर रिसर्च फेलो विजय दुबे बताते हैं कि इन दिनों गेहूं की फसल के लिए न्यूनतम तापमान पांच से सात डिग्री सेल्सियस होना चाहिए, जबकि हफ्ते भर से 8 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जा रहा है। इससे गेहूं के उत्पादन में कमी की आशंका है।
बीते वर्षों में न्यूनतम तापमान की स्थिति (डिग्री सेल्सियस में)
26 दिसंबर 2018 : 4
26 दिसंबर 2017 : 5.2
19 दिसंबर 2016 : 6.1
20 व 22 दिसंबर 2015 : 1
27 दिसंबर 2014 : 3.6
30 दिसंबर 2013 : 1.2
29 दिसंबर 2012 : 2.0