जानें- कैसे Tik Tok Fame बने ये कनपुरिया कलाकार, बटोर रहे लाखों फॉलोअर और Likes
मोतीझील पर बनाए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
कानपुर, [आलोक राय]। अपना वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करना अब युवाओं के बीच शगल बन गया है और इसमें टिक-टॉक एप अहम भूमिका निभा रहा है। सोशल मीडिया पर वीडियो सबसे ज्यादा लाइक किया जाए, इसके लिए अच्छी लोकेशन का होना बहुत जरूरी है। शहर में बेहतर लोकेशन वाला मोतीझील अब टिक-टॉक प्वाइंट बन गया है। छोटे पर्दे पर ऊचाइयां छूने की हसरत पाले युवक-युवतियों के लिए भी मोती झील पसंदीदा टूरिस्ट डेस्टिनेशन साबित हो रहा है। कैमरा, शूट एंड एक्सन के शब्दों से यहां का वातावरण यकायक मायानगरी की फिल्म सिटी की याद दिला देता है। आइए आपको मिलवाते हैं शहर की कुछ ऐसे लोगों से, जो टिक-टॉक वीडियो बनाकर सुर्खिया बटोर रहे हैं।
मिस कानपुर रहीं श्रेया पाल बटोर रहीं सुर्खियां
वर्ष 2019 में मिस कानपुर व 2018 में डान्सिंग में कानपुर सुपर स्टार का खिताब जीत चुकीं श्रेया पाल हैसटैग टीम हम पांच के अन्तर्गत टिक-टॉक बनाकर सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रही हैं। पढ़ाई खत्म करने के बाद श्रेया अपनी टीम के साथ मोती झील पर रोज आती हैं और अलग अलग थीम पर टिक-टॉक वीडियो बनाती हैं। फिर चाहे स्लो मोशन में एक्टिंग हो या शार्ट वीडियो श्रेया अपने फन से सबको रोमांचित कर देती हैं। श्रेया बताते हैं कि मोतीझील का वातावरण, यहां की लोकेशन व शॉट के लिए पर्याप्त जगह की वजह से यह टिक-टॉक बनाने के लिए सबसे बेहतरीन स्पाट है। इस झील ने मुझे यू-ट्यूब पर एक लाख से ज्यादा फॉलोअर बनाने में मदद की है।
शॉर्ट फिल्म शूट कर रहे संदीप
गरीब फाउन्डेशन व राग्याशं एन्टरटेन्मेन्ट के तहत काम करने वाले संदीप तिवारी बतौर निदेशक इस झील पर छोटे पर्दे की एक फिल्म शूट करने के लिए पिछले कई महीनों से आ रहे हैं। संदीप एक अनाम प्रेमी-प्रेमिका पर आधारित लघु फिल्म बना रहे हैं। इसमें बतौर नायक मोहित कुमार व नायिका बेबी शर्मा अपनी किस्मत आजमा रही हैं। इस झील पर लिये गये शॉट्स की वजह से यू-ट्यूब व सोशल मीडिया पर संदीप के लगभग तीन लाख फॉलोअर बन चुके हैं। इसके लिए संदीप मोती झील को ही श्रेय देते हैं। खास बात यह कि यहां पर फिल्म शूटिंग के लिए परमिशन नहीं लेनी पड़ती है।
टिक-टॉक के सनसनी गोरेलाल कनपुरिया
कानपुर देहात के रहने वाले गोरेलाल कनपुरिया व राहुल घिल्डियाल शहर के वे टिक-टॉक सनसनी हैं जिनके नाम से कान्हा नगरी अनजान नहीं है। शर्मा जी हैं हैसटैग के अन्तर्गत टिक-टॉक बनाने वाले गोरेलाल कनपुरिया के सोशल मीडिया पर 800000 से ज्याद फॉलोअर व 34000 लाइकर्स हैं। अपनी कानपुरिया भाषा शैली में टिक-टॉक बनाने के लिए मशहूर गोरेलाल जब क्या पगलैटी हो रहिन है, हम गोरेलाल बोल रहिन हैं, हम वहीं मिले अइबे जहां गणेश जी की मूर्ति धरी है...जैसे बोल बोलकर फॉलोअर बटोर रहे हैं। वह अपनी कनपुरिया भाषा से यूजर को लोटपोट कर देते हैं। इस तरह इमोशनल व ट्रैजीडि सीन को टिक-टॉक पर उतारने वाले राहुल घिल्डियाल के करीब 80 हजार फॉलोअर हैं।
लव स्टोरी थीम पर वीडियो बनाते हैं अजय
अजय क्रिएशन नाम चैनल के मालिक अजय गुप्ता सप्ताह में एक दिन टिक-टॉक वीडियो बनाने मोती झील आते हैं। 21 वर्षीय व बर्रा निवासी अजय पेशे से एक निजी कंपनी में टेलरिंग का काम करते हैं लेकिन अपने दिल में टिक-टॉक वीडियो व अन्य एलबम बनाकर बुलंदियों को छूने की हसरतें पाले हुए हैं। किसी कारण विशेष के चलते वे अपनी पढ़ाई इंटर तक ही कर सके लेकिन हिम्मत नहीं हारी व नौकरी के साथ शोहरत का मुकाम पाने के लिए टिक-टॉक वीडियो बनाने लगे। मोती झील सहित शहर के अन्य पिकनिक स्पाट पर अजय पिछले एक साल से इस काम में लगे हुए हैै। टिक-टॉक पर इनके इनके 3200 फॉलोअर है व करीब 20000 लाइक्स मिल चुकी हैं। ये लव स्टोरी की थीम पर टिक-टॉक वीडियो बनाते हैं
मोनू ने टिक-टॉक वीडियो को बनाय पेशा
20 वर्षीय मोनू शुक्ला लाटूश रोड पर रहते हैं। बी कॉम फस्ट ईयर में पढ़ाई कर रहे मोनू का मुख्य काम टिक-टॉक बनाने वाली टीम में काम करने वाले कलाकारों के पोज के अनुसार स्नैप्स लेना। मोनू भी अजय क्रिएशन की टीम के सदस्य हैं। इन्होंने तो मोती झील को अपना आशियाना व टिक-टॉक वीडियो को पेशा ही बना लिया है। ये मोती झील पर हफ्ते में तीन चार बार आते हैं व विभिन्न थीम्स व लोकेशन के ऊपर वीडियो बनाते हैं। सोशल मीडिया पर मोनू के 7800 फॉलोअर हैं और 82500 लाइक्स इन्हे मिल चुकी हैं। मोनू एक साल से इस पेशे में लगे हैं।
सपना पूरा कर रही हैं अर्चना
अर्चना बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा है। 18 वर्षीय व बर्रा निवासी अर्चना भी टिक-टॉक की रोमांचकारी दुनिया के आकर्षण से दूर नहीं रह सकीं। इस दुनिया में उन्होंने हाल ही में कदम रखा है। मोती झील अब उनका फेवरेट डेस्टिनेशन बन चुका है। उन्होंने अपनी कंपनी फैसला एन्टरटेन्मेन्ट बनाया है जिसके तहत वे करीब पांच वीडियो शूट कर चुकी हैं। सोशल मीडिया पर अर्चना के 50 फॉलोअर हैं। अर्चना का सपना खुद के लिए बड़ी संख्या में मॉस फॉलोअकर्स बनाना है।
कॅरियर बनाना चाहती हैं श्वेता
गुजैनी निवासी श्वेता श्रीवास्तव महज 19 वर्ष की हैं और वे टिक-टॉक को अपने करियर के रूप में शुरू करना चाहती हैं। उनका कहना है कि भविष्य में यह युवाओं को पैसा व शोहरत का एक बड़ा व सस्ता प्लेटफार्म दे सकता है। श्वेता बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं। कॉलेज की पढ़ाई से समय निकालकर वे मोती झील आकर वीडियो शूट करती हैं। श्वेता के लिए मोती झील व टिक-टॉक एक पैशन बन चुका है। महज एक साल में ही श्वेता के सोशल मीडिया पर 8205 फॉलोअर बन चुके हैं। साथी ही 471 हजार लाइक्स भी मिले हैं। श्वेता बताती हैं कि इस झील के विहंगम दृश्य के अलावा यहां पर चेंजिंग रूम की सुविधा इसे खास बना देता है। क्योंकि अलग अलग थीम के अनुसार कपड़े चेंज करने में हमे कोई दिक्कत नहीं होती है।
पैसे के साथ शोहरत चाहते हैं तनिष्क त्रिपाठी
कानपुर के ग्वालटोली निवासी 23 वर्षीय तनिष्क त्रिपाठी कानून की पढ़ाई कर रहे हैं। पिछले एक साल से उन्होंने मोती झील व गंगा बैराज को अपना टिक-टॉक डेस्टिनेशन बना लिया है। तनिष्क कहते हैं कि इस एप में काम करने का मतलब है पैसे के साथ शोहरत भी कमाना। 5 से 30 सेकेन्ड की वीडियो में 1500 से 15000 रुपये तक का खर्च आता है। इतने कम दाम में ही आप आम से खास हो सकते हैं। और क्या चाहिए।
युवाओं को प्रेरित कर रहे अनिकेत
कनपुरिया नाम से टिक-टॉक बनाने वाले अनिकेत का कहना है कि मोती झील ने हमे इस एप पर काम करने की प्रेरणा दी है। सोशल मीडिया पर अनिकेत के 300 से ज्यादा फॉलोअर हैं व 6000 लाइक्स मिल चुकी हैं। अनिकेत युवाओं को प्रेरणा देने वाले वीडियो शूट करते हैं जिसमें बेवफा लड़कियों से सावधान रहना व किसी लड़की के लिए अपने दोस्त को न छोडऩा आदि। वे बताते हैं कि वीडियो बनाते वक्त इनोवेटिव व क्रिएटिव होना पड़ता है तभी थीम पर काम किया जा सकता है।
नन्हें टिक-टॉक शूटर भी कम नहीं
शहर पर टिक-टॉक का जादू इस कदर सिर चढ़ कर बोल रहा है कि यहां के नन्हे बच्चे भी इसमें पीछे नहीं हैं। वह अपनी किस्मत आजमाने के साथ अपने फन से सबको लोहा भी मनवा रहे हैं। शहर की गुनगुन (9 वर्ष), आस्तिक सिंह (9 वर्ष) , शिवम (17 वर्ष), प्रियम (10 वर्ष) व साहिल (16 वर्ष) ने टिक-टॉक की दुनिया में नाम कमाना शुरू कर दिया है।
दो भाइयों ने खोजा था टिक-टॉक
चीन के शंघाई नामक शहर में रहने वाले दो भाई एलेक्स झू व लियो यंग ने सबसे पहले इस एप की खोज की थी । तब इसे म्यूजिकली नाम से जाना जाता था। इस एप की डेवलपर कंपनी का नाम बाइट-डांस है। यह इसकी पैरेन्ट कंपनी भी है।
...तो इसलिए लुभाता है ये एप
टिक-टॉक के अन्तर्गत आने वाले कन्टेन्ट युवाओं को अनायास ही लुभा लेते हैं। इसमें स्लो मोशन एक्टिंग, लिप्सिंग (प्ले बैक साउंड के आधार पर होंठों को हिला कर एक्टिंग करना), मोनो एक्टिंग, कॉमेडी व ट्रैजिडि इमोशन आदि कन्टेन्ट से टिक-टॉक युवाओं को आकर्षित कर रहा है।