सम्मान दिए जाने से और बेहतर काम करने के लिए व्यक्ति होता प्रोत्साहित : केशरीनाथ
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने पं. विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक स्मारक समिति के कार्यक्रम में इन्नोवेटिव लीडरशिप अवार्ड दिया।
By AbhishekEdited By: Published: Sat, 27 Oct 2018 06:22 PM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 10:06 AM (IST)
कानपुर (जागरण संवाददाता)। शिखर पर पहुंचने के लिए परिश्रम ही एकमात्र रास्ता है। जब आप ऊंचाई की ओर बढ़ते हैं तो कुछ लोग पांव खींचने का काम करते हैं, लेकिन श्रेष्ठ लोग बिना परवाह किए आगे बढ़ते हैं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने शनिवार को यह नसीहत पं. विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक स्मारक समिति द्वारा आयोजित इन्नोवेटिव लीडरशिप अवार्ड समारोह में दी।
राज्यपाल ने कहा कि अच्छा काम करने वालों को सम्मानित करने से न केवल वह व्यक्ति और अधिक बेहतर काम करने के लिए प्रोत्साहित होता है, बल्कि दूसरे भी उनसे प्रेरणा लेते हैं। राज्यपाल ने अपनी कविता इससे आगे मैं क्या बोलूं और मां की कढ़ी... भी सुनाई। उन्होंने चिकित्सा, समाजसेवा, खेल, साहित्य, योग आदि क्षेत्रों में बेहतर काम करने वाले सोलह विशिष्ट विभूतियों का सम्मान किया। पं. विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक को ङ्क्षहदी का महान पुरोधा बताया। कहा कि सकारात्मक साहित्य ही समाज को नई दिशा देने में सहायक होता है।
इलेक्ट्रॉनिक युग में पनप रही नई कुरीतियां
समारोह की अध्यक्षता कर रहे औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक युग में समाज में नई-नई कुरीतियां पनप रही हैं। अच्छे नागरिकों से ही इन पर जीत हासिल की जा सकती है। इस अवसर पर संगठन के अध्यक्ष नीलांबर कौशिक, उपाध्यक्ष प्रदीप दीक्षित, मंत्री नलिनी कौशिक, हरिलाल मिलन, नंद किशोरी मिश्रा, गोपाल खन्ना, अंशुमान दीक्षित, चित्रलेखा सक्सेना, दुर्गेश सक्सेना आदि मौजूद रहे। संचालन रीटा वर्मा मौजूद रहे।
कार्यक्रम में इनका हुआ सम्मान
डॉक्टर आरती लाल चंदानी (चिकित्सा), डॉक्टर अवध दुबे (नेत्र चिकित्सक के रूप समाज सेवा), राकेश शुक्ला (समीक्षक तथा समालोचक), अमरीक सिंह दीप (कहानीकार, उपन्यासकार), डॉक्टर अलका दीक्षित (व्यक्तित्व विकास के लिए प्रोत्साहन), नरेंद्र शर्मा (समाजसेवी), डॉक्टर नीलम शुक्ला (योग एवं शारीरिक शिक्षा), सुधांशु राय (एकेडमिक), डॉक्टर अनूप शुक्ला (ङ्क्षहदी ब्लागिंग व व्यंग लेखन), सतीश गुप्ता (संपादन एवं प्रकाशन), डॉक्टर भावना तिवारी (कविता, गजल, गीत लेखन), डॉक्टर राजीव रंजन पांडेय (ङ्क्षहदी उत्थान), भरत चंद सेठ (असहायों की सहायता), अनिल दीक्षित (कवि, गीतकार, गजल लेखन), कपिल देव पांडेय (क्रिकेट प्रशिक्षक), डॉक्टर आरती बाजपेयी (एकेडमिक)।
राज्यपाल ने कहा कि अच्छा काम करने वालों को सम्मानित करने से न केवल वह व्यक्ति और अधिक बेहतर काम करने के लिए प्रोत्साहित होता है, बल्कि दूसरे भी उनसे प्रेरणा लेते हैं। राज्यपाल ने अपनी कविता इससे आगे मैं क्या बोलूं और मां की कढ़ी... भी सुनाई। उन्होंने चिकित्सा, समाजसेवा, खेल, साहित्य, योग आदि क्षेत्रों में बेहतर काम करने वाले सोलह विशिष्ट विभूतियों का सम्मान किया। पं. विश्वंभर नाथ शर्मा कौशिक को ङ्क्षहदी का महान पुरोधा बताया। कहा कि सकारात्मक साहित्य ही समाज को नई दिशा देने में सहायक होता है।
इलेक्ट्रॉनिक युग में पनप रही नई कुरीतियां
समारोह की अध्यक्षता कर रहे औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक युग में समाज में नई-नई कुरीतियां पनप रही हैं। अच्छे नागरिकों से ही इन पर जीत हासिल की जा सकती है। इस अवसर पर संगठन के अध्यक्ष नीलांबर कौशिक, उपाध्यक्ष प्रदीप दीक्षित, मंत्री नलिनी कौशिक, हरिलाल मिलन, नंद किशोरी मिश्रा, गोपाल खन्ना, अंशुमान दीक्षित, चित्रलेखा सक्सेना, दुर्गेश सक्सेना आदि मौजूद रहे। संचालन रीटा वर्मा मौजूद रहे।
कार्यक्रम में इनका हुआ सम्मान
डॉक्टर आरती लाल चंदानी (चिकित्सा), डॉक्टर अवध दुबे (नेत्र चिकित्सक के रूप समाज सेवा), राकेश शुक्ला (समीक्षक तथा समालोचक), अमरीक सिंह दीप (कहानीकार, उपन्यासकार), डॉक्टर अलका दीक्षित (व्यक्तित्व विकास के लिए प्रोत्साहन), नरेंद्र शर्मा (समाजसेवी), डॉक्टर नीलम शुक्ला (योग एवं शारीरिक शिक्षा), सुधांशु राय (एकेडमिक), डॉक्टर अनूप शुक्ला (ङ्क्षहदी ब्लागिंग व व्यंग लेखन), सतीश गुप्ता (संपादन एवं प्रकाशन), डॉक्टर भावना तिवारी (कविता, गजल, गीत लेखन), डॉक्टर राजीव रंजन पांडेय (ङ्क्षहदी उत्थान), भरत चंद सेठ (असहायों की सहायता), अनिल दीक्षित (कवि, गीतकार, गजल लेखन), कपिल देव पांडेय (क्रिकेट प्रशिक्षक), डॉक्टर आरती बाजपेयी (एकेडमिक)।
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