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केडीए बाबू ने कारोबारी से मांगी दो करोड़ की रंगदारी, गिरफ्तार

पुलिस ने सोमवार रात आरोपित और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया।इस्पातनगर में मोबाइल लूट लिया था।

By Edited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 01:36 AM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 11:29 AM (IST)
केडीए बाबू ने कारोबारी से मांगी दो करोड़ की रंगदारी, गिरफ्तार
केडीए बाबू ने कारोबारी से मांगी दो करोड़ की रंगदारी, गिरफ्तार
कानपुर,जेएनएन। केडीए में तैनात बाबू द्वारा फैक्ट्री संचालक से दो करोड़ रुपये रंगदारी मांगने का मामला सामने आया है। पुलिस ने सोमवार रात आरोपित और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपित ने वर्ष 2012 में कारोबारी पर कातिलाना हमला करने की बात भी स्वीकारी है।
काकादेव एम ब्लॉक निवासी रूप किशन रैना की पनकी में जूबी एंड सरहा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से फैक्ट्री है। 17 नवंबर 2012 में घर के बाहर नैनो कार सवार युवकों ने लूट की कोशिश व जानलेवा हमला किया था। मुकदमा कल्याणपुर थाने में दर्ज हुआ था। मगर, पुलिस हमलावरों को नहीं पकड़ सकी। बीते चार नवंबर को कारोबारी के पास अनजान नंबर से धमकी भरा फोन आया। फोन करने वाले ने छह साल पहले हमले की याद दिलाकर जान की सलामती के लिए दो करोड़ रुपये रंगदारी मांगी।
कारोबारी ने एसएसपी अनंत देव तिवारी से शिकायत की। तब कल्याणपुर पुलिस व सर्विलांस टीम ने जांच शुरू की और सोमवार रात पुलिस ने बर्रा दो एलआइजी निवासी प्रफुल्ल सिंह सेंगर उर्फ रौनक व उसके साथी आशीष तिवारी उर्फ आशू को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया। पूछताछ में प्रफुल्ल के केडीए में बाबू होने की बात सामने आई। कल्याणपुर सीओ राजेश पांडेय ने बताया कि कारोबारी की शिकायत पर रंगदारी मांगने की धारा में रिपोर्ट लिखी गई है। मुख्य आरोपित केडीए के बाबू प्रफुल्ल व उसके साथी आशीष को गिरफ्तार किया गया है। अन्य की तलाश जारी है।
बाइक से लूटा मोबाइल, कार से बदल रहे थे लोकेशन
रंगदारी मांगने का आरोपित केडीए कर्मी प्रफुल्ल सिंह उर्फ रौनक बेहद शातिर दिमाग है। फैक्ट्री मालिक से रंगदारी मांगने के लिए उसने पहले पल्सर बाइक से पनकी में एक मजदूर का मोबाइल फोन लूटा और फिर अपनी बीट कार से लोकेशन बदल-बदलकर कारोबारी को फोन करने लगा। पुलिस के मुताबिक जिस नंबर से फोन आया था, वह उत्तरीपुरा के व्यक्ति का निकला। कुछ दिन पहले पनकी इस्पातनगर में उसका मोबाइल पल्सर सवारों ने लूट लिया था। यह घटना भी प्रफुल्ल व उसके साथी ने की थी।
प्रफुल्ल को उम्मीद थी कि छह साल पहले हुए हमले के कारण कारोबारी दहशत में होंगे और रंगदारी की रकम दे देंगे। वारदात में प्रयुक्त बाइक व कार भी बरामद की गई है। सीओ ने बताया कि खुलासा करने वाली टीम में इंस्पेक्टर सतीश कुमार सिंह, फजलगंज इंस्पेक्टर रणजीत राय, एसएसआइ कृष्णलाल पटेल व तीन सिपाही रहे।
आठ साल से अपराध की दुनिया में है सक्रिय
मूल रूप से जालौन निवासी प्रफुल्ल के पिता अनिरुद्ध सिंह केडीए में बेलदार पद पर तैनात थे। पुलिस के मुताबिक ग्रेजुएशन करने के बाद प्रफुल्ल ने नौकरी ढूंढ़ी और जब नहीं मिली तो अपराध की दुनिया में उतर गया। बर्रा व नौबस्ता के कई अपराधियों से उसकी यारी हो गई थी। उसने लूटपाट की कई घटनाओं को अंजाम दिया। लेकिन, पकड़ा नहीं गया। कैंसर से पिता की मौत के बाद वह मृतक आश्रित कोटे में नौकरी पा गया।

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