Kanpur Zoo : चिकित्सकों की निगरानी के पहरे में रहेंगे बुजुर्ग जानवर, स्टाफ को खास ख्याल रखने की दी गई हिदायत
Kanpur Zoo उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े चिड़ियाघर में 35 प्रतिशत जानवर हुए बूढ़े हो गए है। इसके कारण स्टाफ को सभी जानवरों का खास ख्याल रखने की हिदायत दी गई है। वहीं पिछले महीने बीमारी से मरने वाले तेंदुए अली की रिपोर्ट अभी तक नहीं आयी है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। Kanpur Zoo प्रदेश के सबसे बड़े चिड़ियाघर (कानपुर प्राणि उद्यान) में रहने वाले 35 प्रतिशत जानवर बूढ़े हो चुके हैं। एक माह के अंतराल में तेंदुआ अली और भालू राजू की मौत होने व शेष जानवरों को दूसरे शहरों के चिड़ियाघर में स्थानांतरित किए जाने, प्रजनन की घटती दर और नए वन्य जीवों को लाने की मंजूरी न मिलने से प्रशासनिक अधिकारियों की चिंताएं बढ़ गईं हैं।
फिलहाल, चिड़ियाघर में रह रहे जानवरों को ही सुरक्षित रखने के लिए चिकित्सकों की निगरानी का पहरा बिठा दिया गया है। जू कीपरों को हिदायत दी गई है कि जैसे ही किसी जानवर का स्वास्थ्य खराब लगे फौरन अस्पताल के प्रभारी पशु चिकित्साधिकारी डा. अनुराग सिंह, डा. मोहम्मद नासिर व डा. नितेश कटियार के अलावा फार्मासिस्ट को भी अवगत कराएं। ताकि बीमार जानवर को समय पर इलाज मिल सके। वन्य जीवों के स्वास्थ्य व डाइट को लेकर कतई लापरवाही न बरती जाए।
तेंदुआ अली की मौत की स्पष्ट वजह जानने को रिपोर्ट का इंतजार
चिड़ियाघर परिसर में 12 सितंबर को बूढ़े तेंदुआ अली की बीमारी से मौत हो गई थी। चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मल्टी आर्गन फेलियर को मौत की वजह बताया था। मौत की स्पष्ट वजह जानने के लिए बरेली स्थित आइवीआरई लैब में जांच के लिए नमूने भेजे गए थे। एक माह बीतने को है, लेकिन अब तक डाक्टरों को रिपोर्ट नहीं मिल सकी है। अब भालू राजू की मौत की वजह का भी पता लगाने के लिए नमूने बरेली भेजे गए हैं। डाक्टरों का कहना है कि लैब में नमूनों की जांच का भार अधिक होने से रिपोर्ट आने में समय लगता है।