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Kanpur Zoo Accident: प्लेटफार्म पर लगा CCTV कैमरा निकला खराब, खुली अव्यवस्थाओं की पोल, पहले भी हुए है कई हादसे

Kanpur Zoo Accident कानपुर में चिड़ियाघर में टॉय ट्रेन के नीचे आने से महिला की मौत हो गई है। घटना के बाद पुलिस ने साक्ष्य जुटाने के लिए सीसटीवी फुटेज खंगाली लेकिन घटना की जगह वाला सीसीटीवी कैमरा बंद मिला।

By Ekantar GuptaEdited By: Published: Sun, 27 Nov 2022 08:12 AM (IST)Updated: Sun, 27 Nov 2022 09:06 AM (IST)
Kanpur Zoo Accident: प्लेटफार्म पर लगा CCTV कैमरा निकला खराब, खुली अव्यवस्थाओं की पोल, पहले भी हुए है कई हादसे
Kanpur Zoo Accident : घटनास्थल का सीसीटीवी कैमरा निकला खराब।

कानपुर, जागरण संवाददाता।  Kanpur Zoo Accident :  चिड़ियाघर में टॉय ट्रेन के नीचे आने से शिक्षिका की मौत के बाद घटना के साक्ष्य जुटाने के लिए जब स्टेशन के प्लेटफार्म पर लगा सीसी कैमरा देखा गया तो वह बंद मिला। कर्मचारियों ने बताया कि कई दिन पहले गिलहरी ने कैमरे का तार काट दिया था। इस वजह से पुलिस को घटना की फुटेज नहीं मिल पाई। यही नहीं, कुछ कर्मचारियों ने बताया कि शनिवार व रविवार को दर्शकों की संख्या अधिक होती है और कमाई के चक्कर में चिड़ियाघर प्रशासन बाल ट्रेन में क्षमता से अधिक दर्शकों को टिकट देकर बैठा देता है। इससे भी हादसा होने का खतरा रहता है। शनिवार को हुई घटना ने इन तमाम अव्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी। इस ट्रेन के साथ पहले भी हादसे हो चुके हैं।

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चिड़ियाघर में बाल रेल का लोकार्पण सात अक्टूबर 2014 को किया गया था। ढाई किलोमीटर के दायरे में चार बोगी की रेल एक बार में 84 लोगों को सफर कराने की क्षमता रखती है। एक दिन में औसतन 300 बच्चे, युवा और बुजुर्ग बाल ट्रेन में सफर करते हैं। अवकाश के दिनों में ये संख्या दोगुणा हो जाती है। आम दिनों में चिड़ियाघर में रोजाना छह हजार दर्शक आते हैं तो शनिवार व रविवार को ये संख्या बढ़कर 10 से 12 हजार तक पहुंच जाती है। ऐसे में चिड़ियाघर प्रशासन ट्रेन में क्षमता से ज्यादा सवारियां बैठाता है।

लोकार्पण होने के एक साल बाद बंद हो गई थी ट्रेन

वर्ष 2014 में टॉय ट्रेन का लोकार्पण होने के एक साल बाद ही ट्रेन की बैटरी खराब हो गई थी। यह समस्या ट्रेन के चलते-चलते आई थी। इसके बाद बीच के उबड़ खबाड़ रास्ते से लोगों को पैदल वापस लौटना पड़ा था। ट्रेन को चलाने का खर्च ज्यादा आने से चिड़ियाघर प्रशासन ने इसे सीएनजी में बदलने का निर्णय लिया। वर्ष 2017 से 2019 तक बाल ट्रेन संचालन की स्थिति खराब रही। कोरोना महामारी में चिड़ियाघर बंद रहा और वर्ष 2021 में इंजन को सीएनजी में बदलने का काम शुरू किया गया। सात महीने में इंजन को बैटरी से सीएनजी में परिवर्तित किया गया और अब सीएनजी से ट्रेन का संचालन किया जा रहा है।

ब्रेक फेल होने से बैटरी कार की चपेट में आई थी बच्ची

इसी साल 26 अक्टूबर को चिड़ियाघर में बैटरी कार का ब्रेक फेल होने से सात साल की बच्ची चपेट में आ गई थी। वह छुट्टी में अपने स्वजन के साथ घूमने आई थी। इसी दौरान वन्य जीव चिकित्सक डा. नासिर बैटरी कार चलाकर अस्पताल जा रहे थे। उनकी बैटरी कार का ब्रेक फेल हो गया। उन्होंने गाड़ी रोकने का प्रयास किया, लेकिन एक बच्ची वाहन की चपेट में आ गई। राहत की बात यह रही कि उसे ज्यादा चोट नहीं आई थी।


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