जयमाल के दौरान दूल्हा-दुल्हन ने तिरंगा लहराकर लगाए वंदेमातरम के नारे
दूल्हा-दुल्हन को देख वहां मंगलगीत के बजाय ‘ऐ मेरे वतन के लोगों जरा याद करो कुर्बानी’ गीत बजने लगा। शहीदों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखने के बाद जयमाल कार्यक्रम आयोजित किया गया
जेएनएन, कानपुर : पुलवामा हमले में शहीद जवानों के लिए पूरा देश गमजदा है। सभी में पाकिस्तान के प्रति आक्रोश है। यह आक्रोश उस वक्त भी दिखाई दिया, जब फर्रुखाबाद जनपद के कमालगंज में वैवाहिक समारोह में दुल्हन जयमाल के लिए मंच पर पहुंची तो वहां वंदे मातरम के जयकारे लगने लगे। दूल्हा-दुल्हन के हाथों में वरमाला के बजाय तिरंगा दिखाई दिया। दूल्हा-दुल्हन को देख वहां मंगलगीत के बजाय ‘ऐ मेरे वतन के लोगों जरा याद करो कुर्बानी’ गीत बजने लगा। शहीदों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखने के बाद जयमाल कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मंगलवार रात कन्नौज जिले के सौरिख कस्बे के तिर्वा रोड गांधी नगर निवासी रामेश्वर दयाल चौरसिया के पुत्र बृजेश कुमार चौरसिया की बरात कमालगंज स्थित एक गेस्ट हाउस में आई थी। द्वारचार की रस्म के बाद दूल्हा बृजेश मंच पर पहुंचा। कमालगंज के मोहल्ला प्रतापनगर निवासी दुल्हन कामिनी पुत्री रामबाबू चौरसिया सज-धज कर मंच पर पहुंची तो वहां वरमाला के बजाय दूल्हा-दुल्हन हाथों में लिए तिरंगा झंडा लहराते हुए वंदे मातरम के जयकारे लगाने लगे। फिर क्या था विवाह का उल्लास देश प्रेम में बदल गया। वहां डीजे पर अन्य गीतों के बजाय ‘ऐ मेरे वतन के लोगों जरा याद करो कुर्बानी’ गूंजने लगा। फिर क्या बराती हो या घराती। इस दौरान हिंदुस्तान जिंदाबाद, भारतीय सेना जिंदाबाद के नारे लगाए गए। सभी ने पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी शुरू करते हुए प्रधानमंत्री मोदी से 45 के बदले 500 सर लाने की मांग कर दी। शहीदों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा। उसके बाद जयमाल की रस्म पूरी की गई। दूल्हा बृजेश कुमार ने कहा कि पुलवामा हमले में शहीद हुआ जवान प्रदीप कुमार यादव उनके गांव के पास का ही है। प्रदीप के शहीद होने के बाद उसके सीने में पाकिस्तान से बदले की आग धधक रही है।