Move to Jagran APP

Kanpur Triple Murder: सारे कष्ट एक ही पल में दूर कर रहा हूं.., डॉक्टर के नोट्स में अवसाद और खौफ की कहानी

कानपुर के कल्याणपुर के अपार्टमेंट में फ्लैट में पत्नी बेटी व बेटे की हत्या के बाद फरार डॉक्टर के 11 पन्नों के नोट्स से अवसाद की कहानी सामने आई है जिसमें चार पन्नों के नोट्स में में कोरोना का खौफ भी नजर आ रहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 09:50 AM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 09:50 AM (IST)
Kanpur Triple Murder: सारे कष्ट एक ही पल में दूर कर रहा हूं.., डॉक्टर के नोट्स में अवसाद और खौफ की कहानी
पत्नी, बेटा व बेटी की हत्या के बाद फरार डॉक्टर के नोट्स की हकीकत।

कानपुर, जागरण संवाददाता। कल्याणपुर क्षेत्र के इंदिरा नगर स्थित डिविनिटी अपार्टमेंट में पत्नी, बेटे और बेटी की हत्या के बाद गायब डाक्टर सुशील कुमार के फ्लैट से पुलिस को 15 पन्नों के नोट्स मिले हैं, जिसमें 11 पन्नों में उन्होंने अपनी अवसाद की कहानी बयां की है, जबकि चार पन्नों में कोरोना का खौफ प्रदर्शित करने की कोशिश की है।

prime article banner

इंदिरा नगर स्थित डिविनिटी अपार्टमेंट के फ्लैट में रामा मेडिकल कालेज में फोरेंसिक डिपार्टमेंट हेड डा. सुशील कुमार की प्रधानाध्यापक पत्नी चंद्रप्रभा, 21 वर्षीय बेटे शिखर व 16 वर्षीय बेटी खुशी की हत्या की सूचना पुलिस पहुंच गई। पुलिस तत्काल पूरे फ्लैट को सील कर दिया। इसके बाद फोरेंसिक टीम व डाग स्क्वाड को बुलाया गया। फोरेंसिक टीम को किचन के सामने स्थित बरामदे में पड़ी मेज पर एक नीले रंग की डायरी रखी मिली। इसे खोलकर देखा गया तो डायरी में बड़े-बड़े अक्षरों में 15 पन्नों में अवसाद और खौफ की कहानी लिखी मिली।

नोट्स में लिखी मिलीं ये बातें : अपनी लापरवाहियों के चलते करियर के उस मुकाम पर फंस गया हूं, जहां से निकलना असंभव है। मेरा कोई भविष्य नहीं रहा। अत: मैं होशोहवास में अपने परिवार को खत्म करके खुद को भी खत्म कर रहा हूं। इसके लिए जिम्मेदार कोई और नहीं है। मैं लाइलाज बीमारी से ग्रस्त हो गया हूं। आगे का भविष्य कुछ नजर नहीं आता। इसके अलावा मेरे पास कोई चारा नहीं रहा। मैं अपने परिवार को कष्ट में नहीं छोड़ सकता। सभी को मुक्ति के मार्ग में छोड़कर जा रहा हूं। सारे कष्ट एक ही पल में दूर कर रहा हूं। अपने पीछे मैं किसी को कष्ट नहीं दे सकता। मेरी आत्मा मुझे कभी माफ नहीं करती। अलविदा। आंखों की लाइलाज बीमारी की वजह से यह कदम उठाना पड़ रहा है। पढ़ाना मेरा पेशा है। जब आंख ही नहीं रहेगी तो मैं क्या करुंगा।

कोविड फोबिया : डाक्टर ने चार पन्नों पर खुद के अवसाद ग्रस्त होने और कोविड की वजह का जिक्र किया है। एक पन्ने पर उसने लिखा है...मेलीगेंट डिप्रेशन, मेजर डिप्रेसिव आर्डर, दूसरे पन्ने पर लिखा है...कोविड रेलेटिव डिप्रेशन फोबिया, तीसरे पन्ने पर लिखा है...अब और कोविड नहीं, यह कोविड अब सबको मार देगा और चौथे पन्ने पर डाक्टर ने लिखा...अब लाशें नहीं गिननी हैं, ओमिक्रोन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.